Jasmine Flower in Hindi | चमेली के फूल की पूरी जानकारी

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Jasmine Flower जिसे चमेली के फूल के नाम से जाना जाता है चमेली के फूल केवल भारत में ही नही बल्कि दुनिया के कई देशों में यह सबसे अधिक लोकप्रिय है और इसकी लोकप्रियता का कारण इस फूल की खुशबू है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

चमेली फूल के गुणवत्ता के चलते भारत में इसे रात की रानी फूल भी कहते हैं। चमेली के फूल न सिर्फ अपनी खूबसूरती और खुशबू से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं बल्कि चमेली फूल के कई फायदे भी हैं, जिनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे और न सिर्फ चमेली के फूलों के फायदों के बारे में बात करेंगे, बल्कि इसके महत्व, उपयोग आदि के बारे में भी बताएंगे। कहा जाए तो चमेली फूल से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।

Highlights of Jasmine Flower

नामचमेली
संस्कृत नामजातीपुष्पम्, नवमल्लिका
वैज्ञानिक नामJasminum officinale (जैस्मिन ऑफिसिनले)
जीवन काल15-20 साल तक
प्रजातिOleaceae

About Jasmine Flower in Hindi – चमेली का फूल की जानकारी

Jasmine (जास्मिन) यह एक अंग्रेजी नाम है जिसका अर्थ “प्रभु की देन” होता है इस फूल के 2 सौ से अधिक प्रजातियां पायी जाती है परंतु यह एक Jasmine Officinale प्रजाति का झाड़ीदार पौधे है और इसे Oleaceae (ओलिएसिई) प्रजाति का माना जाता है जबकि फूल का नाम Parsi Words से पड़ा है जिसका मतलब “यासमीन” होता हैं और इसी शब्द यासमीन से चमेली पड़ा हैं।

चमेली का फूल हिमालय का दक्षिणावर्ती प्रदेश का मुल निवासी के रूप में माना जाता हैं परंतु चीन के पश्चिमी हिमालय पर इसे सबसे अधिक उपजाया जाता है और यूरोप में भी इसे उपजाया जता हैं। भारत की बात करें तो चमेली के फूल भारत के लगभग सभी भागों में उगाए जाते हैं, जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भारत के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक उत्पादकता है होती।

चमेली के फूल की जिस खूबी को लोग इतना पसंद करते हैं, वह है इसकी महक, यही वजह है कि इसने इतनी लोकप्रियता हासिल की है। चमेली के फूल दिन में कम महक देते हैं लेकिन रात होते ही इसकी महक बढ़ जाती है।

अगर भारत में इसकी प्रजाति की बात करें तो चमेली के फूलों की करीब 40 प्रजातियां पाई जाती हैं और 100 किस्में प्राकृतिक रूप में पाई जाती हैं। जबकि भारत में इस फूल का रंग आमतौर पर सफेद और गुलाबी होता है, लेकिन अन्य देशों में इसका रंग पीला होता है और इसकी बेल की ऊंचाई लगभग 10 से 15 तक हो सकती है, जो हर साल 1 से 2 बेल की ऊंचाई हो होती है परंतु यह बेल की देखभाल पर निर्भर करता हैं। बता दें कि चमेली का पौधा सदाबहार पौधों की लिस्ट में गिना जाता है, लेकिन पतझड़ के मौसम में चमेली के फूल के पौधे की कुछ पत्तियां गिरने लगती हैं। पत्तों की लंबाई 1 से 2 इंच होती है।

चमेली फूल का इतिहास

चमेली के फूल का इतिहास बहुत पुराना है, यह फूल बहुत ही आकर्षक और सुगंधित होता है, जिसके कारण भारतीय संस्कृति, वैदिक साहित्य और धर्मों में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता रहा है। चमेली का फूल वैसे तो पाकिस्तान, चीन, भूटान और बांग्लादेश के साथ-साथ पूरी दुनिया में पाया जाता है, लेकिन भारत में यह फूल सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

ऐसा माना जाता है कि भारत के संस्कृत साहित्य में पहली बार चमेली के फूल का उल्लेख किया गया था इसके बाद यह फूल मुगल साम्राज्य के दौरान भारत में बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो गया और चमेली के फूल का इस्तेमाल सम्राट जहांगीर की पत्नी मुमताज जहां ने अपने महल को सुगंधित करने के लिए किया जाता था।

Winter Jasmine
Winter Jasmine

चमेली फूल के पत्ते एवं तेल के फायदे

विज्ञान हमारे रोजमर्रा के जीवन को आरामदायक और बेहतर बनाने के लिए कई नए आविष्कार और खोज करते है, चमेली के फूल की खोज भी हमारे लिए फायदेमंद साबित हुई है, आइए आपको इसके फूल, पत्ते और तेल के फायदों से रूबरू कराते हैं। हैं।

डिप्रेशन की समस्या आज के समय में एक आम बीमारी बन चुकी है जिससे काफी लोग इससे पीड़ित हो रहे हैं। जो लोग डिप्रेशन के शिकार होते हैं अगर वे चमेली के फूलों की चाय पीते हैं तो उन्हें इससे राहत मिलती है और नर्वस सिस्टम भी अच्छे से सक्रिय हो जाता है। चिंता में डूबे लोगों को भी चमेली के फूल इससे बाहर निकलने में मदद करते हैं।

शरीर की दुर्गंध को दूर करने के लिए चमेली का प्रयोग किया जाता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि इस संदर्भ में चमेली का उपयोग कैसे किया जाता है, तो हम आपको बता दें कि चमेली से बना स्प्रे बाजार में बहुत आसानी से उपलब्ध होता है, आप वहां से खरीद सकते हैं, इसके अलावा इसे खुद भी बनाया जा सकता है और इसके लिए एक बोतल में पानी लें और उसमें चमेली के तेल की कुछ बूंदे डालकर अच्छी तरह मिला लें, इसके बाद शरीर की दुर्गंध को दूर करने के लिए आप स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं।

चमेली के प्रोडक्ट

वैसे तो चमेली के कई प्रोडक्ट बनाये जाते हैं परंतु इसके कुछ प्रमुख ऐसे भी हैं जिनका उपयोग अधिकतर लोगों द्वारा किया जाता हैं उस उत्पाद की जानकारी नीचे दी जा रही है, उस पर एक नजर डालें।

  1. चाय: चाय को अधिक सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए चमेली के फूल और पत्तियों का उपयोग किया जाता है।
  2. Perfume: चमेली के इत्र (Perfume) भी बनाये जाते है जिसमे काफी ज्यादा खुबशू होते हैं।
  3. तेल: इसका उपयोग मालिश के लिए भी उपयोग किया जाता हैं।
  4. साबुन: इसे बनाने के लिए इसके फूलों और पत्तों के साथ चमेली Perfume का भी उपयोग किया जाता हैं।
  5. फूलों का हार: सजावट जैसी स्थानों पर चमेली फूलों का हार बनाया जाता हैं।

चमेली के फूल कैसे लगाएं

देखा जाए तो चमेली का पौधा लगाना बहुत ही आसान है लेकिन अगर पौधा ठीक से तैयार नहीं किया गया तो पौधा सूख भी सकता है इसलिए अगर आप चमेली का पौधा लगाना चाहते हैं तो नीचे दी गई विधि को ध्यान से पढ़ें-

  1. अगर आप चमेली फूल को कमल द्वारा लगाना चाहते है तो सही कमल का चुनाव करना होगा, ध्यान दें कि उसमे चार से पांच पंत्तियां आई हुई हो।
  2. चाकू, कैंची, ब्लड या किसी अन्य चीज के द्वारा कमल काटते है तो उसे अच्छे से सैनिटाइज करना आवश्यक हैं।
  3. कमल को काटते समय आपको एक और बात का ध्यान रखना है कि कमल को गोल नहीं करना है बल्कि इसे 45 डिग्री के कोण पर काटना है।
  4. कमल तैयार करने के बाद उसे रूटिंग हार्मोंन पाउडर के घोल में पांच मिनट के लिए डुबा करके रखना होगा। आप चाहे तो रूटिंग हार्मिंन के स्थान पर पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  5. इसके बाद मिट्टी तैयार करना होगा और इसके लिए 30% बगीचे की सामान्य मिट्टी, 20% गोबर की पुराणी खाद और 50% रेत, इन सभी को अच्छी तरह से मिला लेना है और एक गमला लेना हैं, गमला के निचे एक छेद कर देना हैं।
  6. अब उस गमले में मिट्टी डालें और उसमे सभी कटिंग तीन से चार इंच गहराई में एक एक करके लगा दें।
  7. इसके बाद आपको गमलें में स्प्रे से पानी देना है।
  8. जब चमेली के पौधे बड़ा होने लग जाए तो वहां से हटाकर दूसरी बड़ा गमला में अच्छी मिट्टी तैयार करके लगा सकते हैं।

चमेली फूल के पौधे की कैसे देखभाल करें

पौधे लगाने के लिए सबसे पहले मिट्टी तैयार करना पड़ता है और इसे तैयार करने के लिए सामान्य मिट्टी, वर्मीकम्पोस्ट और बालू की मिश्रण की अवश्यकता होती है, इसके बाद गमला की। गर्मी के समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि गमले में हमेशा हलकी नमी बनी होनी चाहिए मगर सर्दियों के दौड़ान ज्यादा पानी देने की जरूरत नही होती हैं।

चाहे तो गर्मि के दौरान पानी प्रतेक दिन दे सकते हैं और चमेली फूल के पौधा को धुप की ज्यादा जरूरत होती है इसलिए आपको इसे धुप में देने की आवश्यकता होगी इससे पौधा हमेशा स्वस्थ रहेगा।

अगर फूल के खिलने की बात करें तो यह सबसे ज्यादा फरवरी से अक्टूबर के महीने में खिलता है, जबकि सर्दियों में इसका खिलना बंद हो जाता है। यदि किसी पौधे पर केवल पत्तियाँ आती हैं, उस पर फूल बहुत कम आते हैं, तो इसका कारण पौधे को छाया में रखने का स्थान हो सकता है, यदि किसी के पौधे पर फूल नहीं आते हैं, तो उसे ऐसी जगह पर रखें जहां धूप हो।

पौधे की लंबी शाखाओं को काटने का सबसे अच्छा समय दिसंबर से जनवरी तक है। अगर आप चमेली की बेल नहीं बनाना चाहते हैं तो इसे समय-समय पर कटिंग भी कर सकते हैं, अगर आपके पौधे पर कीट पतंगे पाए जाते हैं तो इससे बचने के लिए आप नीम के तेल को पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं और महीने में एक बार आपको पौधे की जड़ में गोबर की खाद भी डालनी होगी इससे पौधा स्वस्थ में काफी मदद मिलेग।

चमेली फूल के जुड़ी रोचक जानकारी

  1. क्या आपको पता है कि चमेली फूल का जीवन काल लगभग 15 से 20 वर्षों का होता हैं।
  2. गजरा बनाने के लिए भी चमेली फूल का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  3. चमेली का फूल एक बहुत ही खुशबूदार संदर फूल होता है जो हर किसी को अपनी सुगंध से अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
  4. चमेली फूल का इस्तेमाल से बहुत सी दवाईयां बनाई जाती है जिसमें चक्कर, सिर दर्द और जुकाम आदि शामिल हैं।
  5. 200 से अधिक पूरी दुनिया में चमेली की प्रजातियां पायी जाती है जिसमें भारत में 40 प्रजातियां पाई जाती हैं।
  6. 1990 में इंडोनेशिया में चमेली फूल को राष्ट्रीय पुष्प घोषित कर दिया गया।
  7. चमेली फूल का रस के इस्तेमाल से कई रोगों को ठीक किया जा सकता हैं।
  8. चमेली का फूल सबसे पहले भारत में पाया गया और इस फूल की उत्पति हिमालय पर्वत से माना जाता हैं।
  9. 18 से 35 फीट तक चमेली फूल की बेल बड़ी हो सकती हैं।
  10. भारत में चमेली फूल का रंग सामान्यता सफेद और गुलाबी होते हैं परंतु यह फूल कई रंगों में पायी जाती हैं।

पूछा गया प्रश्न और उत्तर

Jasmine Flower को हिन्दी मे क्या कहा जाता हैं?

इसे हिंदी में “चमेली” कहा जाता है लेकिन इसकी विभिन्न किस्मों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे जूही, गंधराज, बेला आदि।

क्या चमेली और मोगरा एक ही फूल है?

ये दोनों फूल के पौधे और फूल एक जैसे ही होते हैं, जिसके कारण लोग इन दोनों को ही मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, दोनों का वानस्पतिक नाम अलग-अलग है।

चमेली के फूल खाने से क्या फायदे होते हैं?

चमेली के फूल खाने के कई फायदे हैं और चाय में फूल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, लेकिन यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि चमेली के फूल जैसे कई फूल होते हैं, जिन्हें हमेशा चमेली का फूल ही माना जा सकता है और जिनका सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है। बिना आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के चमेली के फूल का सेवन नहीं करना चाहिए।

चमेली के फूल का क्या उपयोग है?

इस फूल का प्रयोग ज्यादातर पूजा स्थलों में किया जाता है, लेकिन इसके अलावा अन्य जगहों जैसे महिलाओं के गजरा व केक और कैंडी आदि में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

Note – आज के इस लेख के माध्यम से हमने आप सभी को Chameli Ka Phool के बारे में बताने की पूरी कोशिश की है, अगर यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ है तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जरूर शेयर करें। हम आप सभी के लिए ऐसे ही जानकारीपूर्ण लेख लाते रहते हैं, इसके अलावा अगर लेख से संबंधित किसी प्रकार का डाउट है या आप उसमें कुछ सुधार चाहते हैं तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं।

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नमस्ते, मेरा नाम सुनील पासवान हैं और मैं फुल टाइम ब्लॉगिंग करता हूँ। मुझे अलग-अलग विषयों पर लेख लिखना पसंद है। हिंदी बंधन के माध्यम से आप सभी तक बेहतर जानकारी पहुंचाने को मैंने अपना जुनून बना लिया है! आशा करता हूँ आप अपना प्यार बनाये रखेंगे।

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