कुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है और किसने बनाया | Qutub Minar Ki Lambai Kitni Hai

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Kutub Minar Ki Lambai Kitni कुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है: ब्रह्मांड में न जाने कितने अबुके हैं, ब्रह्मांड की बात तो छोड़िए, धरती पर ही इतने आबूके और रहस्य छिपे हैं कि उन सबके बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल है, लेकिन हमारे सामने कुतुबमीनार के रूप में दुनिया का एक आबूक है, जिसका निर्माण बहुत पहले हो चुका है और आज भी हमारे सामने मौजूद है।

भारत में सबसे अधिक देखा जाने वाला स्मारक ताजमहल है, लेकिन इसके बाद कुतुब मीनार है, जो एक ऐतिहासिक संरचना है जो अपनी सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। कुतुब मीनार लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनी है, जिसकी सुंदरता को देखने दुनिया भर के पर्यटक आते हैं।

कुतुब मीनार का निर्माण उद दीन ऐबक के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ था, लेकिन बाद में इतुतुलमिश जैसे अन्य शासकों द्वारा इसे जोड़ा गया और यह भारत में मुगलों द्वारा किए गए पहले निर्माणों में से एक है। कुतुब मीनार को भारत में सबसे महत्वपूर्ण संरचनाओं और स्मारकों में से एक माना जाता है और इसे मुगल संस्कृति में एक उत्कृष्ट प्रतीक के रूप में भी माना जाता है जो मुगल इतिहास को भी दर्शाता है।

क्या है कुतुब मीनार?

आप लोगों को कुतुब मीनार की लंबाई के बारे में जानकारी देने से पहले हम आपको बता दें कि कुतुब मीनार आखिर है क्या? आपको बता दें कि दिल्ली में स्थित एक ऐतिहासिक मीनार है जो भारत की सबसे ऊंची मीनार भी है और इसे कुतुब उद्दीन ऐबक ने बनवाया था जिसे अरबी में कुतुब उल इस्लाम कहते हैं जिसका अर्थ है इस्लाम का अच्छा बेनुनाह सेवक।

इस टावर में पांच मंजिलें हैं और हर मंजिल पर एक बालकनी दी गई है जिससे लोग मंजिलों के नजारे का लुत्फ उठा सकें। ऐसा माना जाता है कि कुतुब मीनार अफगानिस्तान में मीनार-ए-जाम से प्रेरणा लेकर बनाया गया था, जो प्रारंभिक अफगान स्थापत्य शैली को दर्शाता है। मीनार की पांच अलग-अलग मंजिलों में से प्रत्येक को एक प्रोजेक्ट बालकनी से सजाया गया है जिसे जटिल रूप से डिजाइन किया गया है।

कुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है?

कुतुब मीनार की लम्बाई72.5 मीटर
सीढ़ियां379
फीट237.86
स्थापना1193 ई
मंजिल5
स्थितनई दिल्ली

कुतुब मीनार की लंबाई 72.5 मीटर है, जिसमें 379 सीढ़ियां हैं और 238 फीट ऊंची है। इस मीनार की एक इमारत लोहे का खंभा है और यह मीनार दुनिया की सबसे ऊंची मीनारों में से एक है, जो भूकंप और आंधी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से कई बार क्षतिग्रस्त हो चुकी है। हालाँकि विभिन्न शासकों द्वारा मीनार में सुधार भी किए गए हैं।

कुतुब मीनार का व्यास निचे की ओर 14.03 m है जबकि ऊपर की ओर यह कम गोलाकार देखने को मिलता है। जितने भी दिल्ली में स्थल उपस्थित है उनमे से सबसे अधिक मान्यता कुतुब मीनार को प्राप्त हैं। भारतीय कला के कई नमूने एवं कलाकृतियां इस मीनर के चारो ओर बने आहाते में मौजूद है। कुतुब उत्साह प्रतेक वर्ष अक्टूबर और नवंबर महीने के बीच आयोजित किया जाता है जो पूरे तीन दिनों तक होता है और इस उत्साह में भारतीय शास्त्रीय नृत्य तथा संगीत कला का भी आयोजित किया जाता हैं इसके साथ उत्साह के मौके पर बॉलीवुड संगीत भी सुना जाता हैं।

कुतुब मीना का इतिहास क्या है | History of Qutub Minar in Hindi

कुलुब मीनार का इतिहास काफी प्राचीन और दिलचस्प के साथ महत्वपूर्ण भी हैं कुछ इतिहासकारों में अभी तक यह मतभेद की कुतुब मीनार का नाम किसके नाम पर रखा गया था कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसका नाम कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर पड़ा तो कुछ के अनुसार प्रसिद्ध सूफी संत कुतुबुद्दीन काफी के नाम पर मीनार का नाम रखा गया था परंतु इसकी शुरूआत की बात की जाए तो 1193 में शुरू हुई थी और इसकी पहली मंजिल कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनवाया गया था जबकि दुसरा और तीसरा मंजिल का निर्माण उत्तर भारत के सुल्तान इल्तुतमिश ने निर्माण करवा कर मीनार के कार्य को आगे बढ़ाया।

Qutubuddin Aibak

बाकि के दो मंजिल का निर्माण दिल्ली सल्तनत के तीसरे सुल्तान फिरोज शाह तुगलक द्वारा करवाया गया था, दिलचस्प वाली बात यह है कि पहली और तीसरी मंजिल लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल से बनाई गई थी जबकि दो मंजिल के निर्माण संगमरमर और बलुआ पत्थर के उपयोग से किया गया हैं।

कुतुब मीनार कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर चुका है सन 1369 ई में मीनार पर बिजली गिरने से यह पूरी तरह टूट गया था जिसके बाद फिराज शाह तुगलक ने मीनार को संगमरमर व लाल बलुआ पत्थर का उपयोग करके पुनर्निर्माण करवाया था, इसके बाद 1505 में भूकंप का सामना करते हुए मीनार क्षतिग्रस्त हो गए जिसके कारण सुल्तान सिकंदर लोधी ने इमारत निर्माण में योगदान दिया। 1803 में भी मीनार को भूकंप का सामना करना पड़ा जिस कारण एक बार फिर यह क्षतिग्रस्त हुए परंतु ब्रिटिश भारतीय सेना के मेजर रोबर्ट स्मिथ ने 1928 में बनवाया, इसके बाद 1993 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित कर दिया गया।

मीनार किसे कहते है?

मीनार शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा से हुई है जिसका संबंध मस्जिदों से है। वास्तव में मीनार एक ऊँची इमारत है जो प्रायः इस्लामिक स्थानों जैसे मस्जिद आदि में देखने को मिलती है, यह एक ऐसी इमारत (भव्य, घर, पक्का घर) है जो धार्मिक या सामाजिक उद्देश्यों के लिए बनाई जाती है जिसे प्राय: मीनार, ताओ, मीनार कहा जाता है और मिनारा आदि नामों से जाना जाता है। यह एक टावर की तरह बना है, जिसमें सीढ़ियाँ भी हैं जो इमारत के शीर्ष तक जाती हैं। आपको बताना चाहेंगे कि यह मीनार अपनी भव्य विशेषताओं और सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

कितना समय कुतुब मीनार को बनाने में लगा था?

जैसा कि आप जान चुके हैं कि मीनार का निर्माण कब शुरू हुआ और मीनार का पुनर्निर्माण कैसे हुआ, आइए अब बात करते हैं कि शासकों को इसे बनाने में कितना समय लगा।

कुतुब मीनार के निर्माण में काफी समय लगा, जब कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा मीनार की शुरुआत की गई थी, निर्माण कार्य के समय उनकी मृत्यु हो गई, जिसके बाद निर्माण को इल्तुतमिश नामक एक सुल्तान द्वारा आगे बढ़ाया गया, जो कुतुबुद्दीन ऐबक के दामाद थे। फिर फिरोजशाह ने मीनार कार्य को चौथी और पांचवी मंजिल तक बनवाये थे। कहा जाए तो निर्माण 1193 से लेकर 1398 ई तक फिरोजशा तुगलक द्वारा पूरा हुआ और इस अवधि के अनुसार इसमें 205 वर्ष का लंबा समय लगा था।

कुतुब मीनार स्थित कहां है?

यह भारत की राजधानी नई दिल्ली में महरौली नामक स्थान पर स्थित है। यह दुनिया के सबसे पुराने और सबसे ऊंचे टावरों में से एक है, जिसे दुनिया के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक देखने आते हैं।

कुतुबमीनार का वास्तविक नाम विष्णु स्तंभ है?

कुछ इतिहासकारों के अनुसार इसका नाम विष्णु ध्वज (ध्रुव स्तम्भ या विष्णु स्तम्भ) बताया जा रहा है, जिसका प्रमाण उसी परिसर में खड़ा लौह स्तंभ है, जो ब्राह्मी भाषा में लिखा हुआ है, जिसे कथित रूप से चन्द गुप्त विक्रमादित्य द्वारा स्थापित किया गया था। जबकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इससे पहले मीनार का निर्माण किया गया था। विज्ञान के लिए मीनार के बारे में एक आश्चर्यजनक बात यह है कि कई वर्षों तक बारिश, धूल और धूप के बावजूद इस पर अभी तक जंग नहीं लगा है, जो वाकई आश्चर्यजनक है।

कुतुब मीनार से संबंधित मजेदार तथ्य

  • दुनिया की सबसे बड़ी इमारतो में से कुतुब मीनार एक हैं।
  • क्या आपको पता हि इसे बनाने के लिए लगभग 120 कारीगरों थे।
  • कुतुब मीनार से पहले यह एक जैन मंदिर का हिस्सा रहा थ।
  • यह स्तंभ गुप्त काल का ही है और भारत का गौरव भी पूरे विश्व में अकायम रखते हैं।
  • क्या आप जानते है 1369 में इस मीनार की सबसे ऊँची मंजिल पर बिजली गिरने से ऊपरी मंजिल टूट गई।
  • कुतुब मीनार के निकट स्थित लौह स्तंभ एक विशाल स्तम्भों में से एक हैं।
  • कुतुब मीनार के आप पास जो एरिया है उसे कुतुब कॉम्पलेक्स के नाम से पहचाना जाता है।
  • इसे गरूड़ स्तम्भ भी कहा जाता है क्योकि इस पर पहले गरूड़ की मूर्ती थी।
  • 2000 वर्ष पुराना एक लोहे का खंभा कुतुब मीनार परिसर में मौजूद है हैरानी की बात यह है कि इसमें दो सदियों से जंग नहीं लगा है।

कुतुब मीनार जाने से पहले यह जानकारी आपके लिए है

अगर आप कुतुब मीनार देखने के लिए यहां जाना चाहते हैं तो उससे पहले आपको यहां कैसे पहुंचा जाए और अन्य जानकारी के बारे में जान लेना चाहिए क्योंकि मीनार को देखने की अवधि निर्धारित होती है इसलिए अगर आप सही समय पर नही जाते हैं तो आप बिना देखे ही वापस आ सकते हैं।

मीनार की खूबसूरती देखने के लिए आपको सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे के बीच जाना होगा क्योंकि उसके बाद दरवाजे बंद हो जाते हैं। अगर आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि क्या इसे देखने के लिए आपको पैसे देने होंगे, तो आपको बता दें कि इसे देखने के लिए भारतीय नागरिकों को 30 रुपये देने होते हैं, लेकिन 15 साल से कम उम्र के बच्चों से पैसे नहीं लिए जाते हैं। वही विदेशी पर्यटक से 500 रुपये शुल्क निर्धारित है।

आप चाहे देश या विदेश के किसी भी हिस्से में हो आपको सबसे पहले दिल्ली जाना होगा यहां पर आप ट्रेन और प्लेन से भी जा सकते हैं आप चाहे तो सीधे निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन भी जा सकते हैं परंतु यहां जाने से पहले आपको दिल्ली हाट उतरना होगा जिसके बाद दूसरी मेट्रो आपको निजामुद्दीन तक लेकर जाएगा। अब यहां से 40 रूपये का टिकट लेकर कुतुब मीनार जा सकते है मेट्रो ट्रेन में 45 मिनट का समय लग जाएगा।

FAQs For Qutub Minar Ki Lambai

कितनी है कुतुब मीनार की लंबाई

72.5 मीटर है कुतुब मीनार की लम्बाई

किस राज्य में कुतुब मीनार है?

साउथ दिल्ली के महरौली में कुतुब मीनार स्थित हैं।

कुतुब मीनार किसकी याद में बना है?

माना जाता है कि कुतुब मीनार को सूफी संत ख्याजा कुतुबुद्दीन बख्यियार काकी की याद में बनवाया था।

कुतुब मीनार का निर्माण क्यों किया गया था?

क़ुतुब मीनार का निर्माण नमाज़ अदा करने के उद्देश्य से किया गया था।

दुनिया की सबसे ऊंची मीनार कौन सी है?

कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है जो दुनिया की सबसे ऊँची मीनार में से एक हैं।

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