प्राकृतिक रूप में देखा जाए तो जो किसी इंसान ने नहीं बल्कि खुद यानी प्राकृतिक रूप अजूबे बहुत देखने को मिलते हैं लेकिन जब बात इंसान के बनाए अजूबों की आती है तो वो भी आज मौजूद हैं। आज मैं आपलोगो को इसी विषय Duniya Ke Saat Ajoobe ( 7 Wonders of The World) के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
हम जानते हैं कि दुनिया के सात अजूबों के बारे में अभी भी बहुत से लोग नहीं जानते हैं, अगर आप भी उनमें से हैं, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, आज आप अच्छी तरह जान जाएंगे कि हमारी दुनिया में सात आजूबे कौन कौन से हैं
दुनिया के सात अजूबे के इतिहास की बात करें तो इसका इतिहास काफी प्राचीन है, करीब 2200 साल पहले हेरोडोटस और कलीमचुस ने सबसे पहले सात अजूबों से दुनिया को रूबरू कराया था। हालाँकि, दुनिया के जिन सात अजूबों को उसने चुना था, वे सभी नष्ट हो गए हैं, केवल उसका गीज़ा का पिरामिड बचा है। नए सात अजूबों की सूची भी कुछ शोधकर्ताओं और इंजीनियरों ने तैयार की थी, लेकिन उसे पूरी दुनिया की सहमति नहीं मिली। तो क्या वर्तमान में कोई अजूबा नहीं हैं? इसका उत्तर आपको इस लेख में मिल जाएगा।
दुनिया के सात अजूबे – 7 Wonders of the World in Hindi
अजूबे | वर्ष | देश |
---|---|---|
चीन की दीवार | 514 ई.पू | चीन |
ताजमहल | सन 1632 | भारत |
क्राइस्ट रिडीमर | सन 1931 | ब्राजील |
पेट्रा जॉर्डन | 309 ई.पू | जॉर्डन |
माचू पिच्चु | 1430 ई. | पेरू |
चिचेन इट्ज़ा | 514 ई.पू | मैक्सिको |
कोलोज़ीयम | 80 ई.पू | इटली (रोम) |
सबसे पहले आपके प्रश्न को स्पष्ट करना चाहेंगे कि वर्तमान में 7 नए अजूबे चुने गए हैं और उन सभी की सूची इस लेख में उपलब्ध है। पुरातनता के अजूबों के नष्ट हो जाने के बाद, सात अजूबों को ऑनलाइन वोटिंग द्वारा फिर से चुना गया।
1999 – 2000 के बीच दुनिया के नए अजूबों को चुनने का विचार सामने रखा गया और एक ऐसी नींव भी रखी गई जिससे दुनिया के अजूबों को चुना जा सके और उन्हें दुनिया के अजूबों की सूची में शामिल किया जा सके। फाउंडेशन के लिए एक आधिकारिक वेबसाइट भी बनाई गई जिसके माध्यम से 100 मिलियन लोगों ने कई वर्षों तक मतदान किया। दुनिया भर से मतदान के बाद 2007 में दुनिया के सात अजूबों की घोषणा की गई थी।
अगर आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि अजूबों की सूची में सिर्फ 7 अजूबे ही क्यों शामिल हैं, 8 अजूबे या उससे ज्यादा अजूबे क्यों शामिल नहीं हैं तो हम आपको बता दें कि 7 अंक समृद्धि और प्रतिनिधित्व का प्रतीक माना जाता है। जो एक लकी नंबर भी है। जैसे शादी में सात फेरे लिए जाते हैं और इंद्रधनुष में भी सात रंग देखे जाते हैं।
1. चीन की दीवार

चीन की महान दीवार 7वीं शताब्दी से 16वीं शताब्दी तक पत्थर, मिट्टी, लकड़ी, ईंट और अन्य सामग्रियों से बनाई गई थी ताकि चीनी साम्राज्य को खानाबदोश जनजातियों के आक्रमण से बचाया जा सके, जो चीन से पश्चिमी चीन तक फैल गया था। यह दीवार दुनिया की सबसे लंबी दीवारों में से एक है।
दीवार की लंबाई 21,196 किलोमीटर, चौड़ाई 5 मीटर और ऊंचाई करीब 7.8 मीटर है। चौड़ाई के हिसाब से इस पर एक साथ 10 लोग आराम से चल सकते हैं। इस दीवार को बनने में कई साल लगे और इसमें अब तक 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अगर इस दीवार को अंतरिक्ष से देखा जाए तो यह साफ दिखाई देती है, जो वाकई चीन की दीवार के बारे में हैरान करने वाली बात है।
2. ताजमहल

ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा में स्थित दुनिया के अजूबों की सूची में से एक है। ताजमहल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल के सम्मान में करवाया था, जिसे 1631 और 1653 ई. के बीच बनवाया गया था। ताजमहल मुख्य रूप से प्रेम के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है जो सफेद संगमरमर से बना है।
ऐतिहासिक प्रेम के प्रतीक ताजमहल को 20,000 मजदूरों ने 20 वर्षों की अवधि में बनाया था। ताजमहल की ऊंचाई 73 मीटर है, जो देखने में अनोखा और बेहद खूबसूरत है। ताजमहल के चारों ओर बगीचे हैं और ताजमहल को देखने के लिए दुनिया भर से लाखों लोग आगरा आते हैं।
3. क्राइस्ट रिडीमर

क्राइस्ट द रिडीमर ब्राजील के रियो डी जनेरियो शहर में स्थित है, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कला प्रतिमा भी है। इसका निर्माण 1922 और 1931 के बीच किया गया था, जो 130 फीट ऊंची मूर्ति है। 98 फीट चौड़ाई के साथ-साथ इसका वजन 635 टन है।
क्राइस्ट रिमीडर ईसा मसीह का एक प्रतिक के रूप में प्रसिद्ध हैं जिसे दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियों के रूप में भी जाना जाता है। अगर इसके डिजाइन के बारे में बताया जाए तो सिल्वा कोस्टा ने क्राइस्ट द रिडीमर को डिजाइन किया था।
4. पेट्रा

पेट्रा जॉर्डन के मान प्रांत में स्थित है, जो पत्थर की नक्काशीदार इमारतों और एक्वाडक्ट सिस्टम के लिए जाना जाता है। इसका निर्माण 309 ईसा पूर्व माना जाता है और इसका निर्माण उन अरबों ने किया था जो उस समय व्यापार मार्ग पर मौजूद थे।
पेट्रा देखने में इतना आकर्षक है कि यहां आने वाले यात्रियों को कुछ पल के लिए पोज देने पर मजबूर कर देता है। शहर आकर्षक रूप से घाटियों और अन्य रॉक संरचनाओं द्वारा उकेरा गया है जो प्राकृतिक संरचनाएं भी हैं। इसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।
5. माचू पिच्चु

दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में स्थित माचू पिच्चू एक ऐतिहासिक धरोहर स्थल है जिसका निर्माण 1430 के आसपास किया गया था, इसका निर्माण मुख्य रूप से धार्मिक समारोहों के लिए राजा पचाकुटी द्वारा आयोजित किया गया था।
वैसे तो इसे राजा पचाकुटी ने बनवाया था, लेकिन बाद में स्पेन ने आक्रमण कर इसे जीत लिया और माचू पिच्चू को ऐसे ही छोड़ दिया, यही कारण था कि मापू पिच्चू धीरे-धीरे नष्ट होता गया। 1911 में हीराम बिंघम ने इसे फिर से खोजा और दुनिया के सामने पेश किया।
6. चिचेन इट्ज़ा

मेक्सिको में स्थित चिचेन इट्ज़ा को माया सभ्यता ने बसाया था जो कि एक बड़ा शहर है जिसे 9वीं सदी से 12वीं सदी के आसपास बसाया गया था। यहां आने वाले लोगों को किसी प्राचीन सभ्यता के घर में जाने का मन करता है। यहां माया सभ्यता की वास्तुकला, ज्योतिष, विज्ञान और अन्य संस्कारों का अनुभव किया जा सकता है।
यह एक पुराना महान मंदिर है, जिस पर जाने के लिए 91 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं और चारों दिशाओं में 365 सीढ़ियाँ बनी हैं। Chichen Itza की ऊंचाई की बात करें तो इसे 79 फीट ऊंचा बनाया गया है। इस शहर में बड़ी आबादी भी है।
7. कोलोज़ीयम

कोलोसियम, जिसे खेल का मैदान भी कहा जाता है, इटली की राजधानी रोम में स्थित है। इसका निर्माण 70-72 ईस्वी के दौरान शुरू हुआ था लेकिन सम्राट टाइटस द्वारा 80 ईस्वी में पूरी तरह से पूरा किया गया था।
कोलोसियम की विशालता की व्याख्या की जाए तो इसमें 50 हजार से अधिक लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इसे केवल मनोरंजन के लिए बनाया गया था जिसमें योद्धा जानवरों से लड़ते थे, इस संबंध में कुछ इतिहासकारों ने बताया है कि इस कोलोसियम में 5 लाख जानवर और 10 इंसान भी मारे गए हैं।
Duniya Ke Saat Ajoobe पर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर
दुनिया के सबसे पुराने अजूबे कौन है?
इटली में स्थित कोलोज़ीयम दुनिया के सबसे पुराने अजूबे में से एक हैं जिसका निर्माण 80 ई.पू में हुआ था, परंतु यह मनुष्य द्वारा नहीं बनाया गया था।
भारत का सबसे बड़ा अजूबा कौन सा है?
सबसे बड़ा अजूबा ताजमहल है, जिसे शाहजहां ने बनवाया था, इसके अलावा हमारे देश भारत में अजूबों की कमी नहीं है, लेकिन हमारे देश और दुनिया का सबसे पहला पसंदीदा ताजमहल है।
दुनिया के सात अजूबे कब खोजे गए थे?
इतिहासकारों के मत के अनुसार यह ज्ञात हुआ है कि प्राचीन काल से ही विश्व में अजूबे बनाए गए और संसार के सामने प्रस्तुत किए गए और ऐसे अनेक अजूबे संसार में मौजूद थे, लेकिन वे सब नष्ट हो गए। अजूबों की तलाश 1999 से शुरू हुई और 2007 में दुनिया के सामने 7 नए अजूबे पेश किए गए।
भारत में कितने अजूबे हैं?
अजूबों की कमी नहीं है, आप शायद नहीं जानते होंगे कि भारत में भी 7 अजूबे हैं लेकिन दुनिया उन सभी से परिचित नहीं है, केवल ताजमहल को दुनिया के अजूबों के रूप में जाना जाता है।
दुनिया के 7 अजूबों का फैसला किसने किया?
दुनिया के अजूबों की सूची ग्रीक कवि एवं सिडोन के यात्री एंटीपेटर ने संकलित की थी।
Conclusion
आज मैंने आपको Duniya Ke Saat Ajoobe के बारे में जानकारी दी है, अगर आपको इस लेख से कुछ नया सीखने को मिला है तो इसे जरूर शेयर करें। आप से जानना चाहते हैं कि आपने दुनिया के 7 अजूबें में से कितने अजूबा के पास घुमने गए हैं, अगर अभी तक आपने एक भी अजूबा देखने नही गए हैं, तो हम आपसे कहना चाहेंगे कि दुनिया के सात अजूबा देखने के लिए वो सभी कंट्री नही जा सकते तो कम से कम ताजमहल देखने तो जा ही सकते हैं, तहमहल देखने जरूर जाए। अगर आप कभी ताजमहल या अन्य अजूबे देखने गए हैं तो आप अपना अनुभव हमारे साथ कमेंट बॉक्स के द्वारा शेयर कर सकते हैं।