तकनीक के विकास के कारण लंबी यात्रा के लिए मोटरसाइकिल, कार, ट्रेन और हवाई जहाज का उपयोग किया जाता है, लेकिन एक समय था जब इन सभी का आविष्कार नहीं हुआ था, जिससे लोगों को कहीं दूर जाना पड़ता था, तब उन्हें कई दिन लग जाते थे। उन्ही आविष्कार में से एक साइकिल का आविष्कार भी है, जो लंबी दूरी तय करने के लिए नहीं बल्कि कम दूरी के लिए प्रयोग में लाई जाती है, हालांकि लोगों ने ऐसा करना भी बंद कर दिया, लेकिन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए साइकिल का प्रयोग सुबह को कर रहे है। आज हम जानने वाले हैं कि साइकिल का आविष्कार किसने किया था, अगर आपके मन में यह सवाल आया है तो यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
देखा जाए तो वाहन भले ही लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन गया हो, लेकिन इससे पर्यावरण में प्रदूषण भी होता है, लेकिन साइकिल से प्रदूषण नहीं होता और न ही डीजल-पेट्रोल आदि खरीदने के पैसे खर्च होते हैं। इस मॉडल तक पहुंचने में लगभग 100 साल का समय लगा है, जो अब हम देखते हैं, इन 100 सालों के बीच कई तरह के साइकिल मॉडल तैयार किए गए थे, तब जाकर हम मौजूदा समय के साइकिल जो आरामदायक और चलने योग्य है उसे देख पाते है दरअसल साइकिल के आविष्कार के पीछे एक कहानी है जो 1815 के आसपास हुई थी। आइए नीचे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
साइकिल क्या है?
यदि आप साइकिल के आविष्कार के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़ रहे हैं, तो आप निश्चित रूप से साइकिल से परिचित होंगे, यदि आप जानना चाहते हैं कि साइकिल क्या है, तो आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि यह एक मानव है -संचालित या एक मोटर चालित, पैडल चालित, सिंगल-ट्रैक वाहन है जो एक फ्रेम से जुड़े दो पहियों से चलता है और आपको बता दें कि साइकिल का शुद्ध हिंदी नाम अभी तक कोई नहीं जानता है, लेकिन हमे research से पता चला है कि अधिकांश लोग साइकिल को चक्र ‘चक्र’ द्विचक्रिका कहते हैं।
साइकिल का आविष्कार किसने किया था?
जर्मनी के एक वन अधिकारी और खोजकर्ता कार्ल फेहरिर वॉन (Karl Von Drais) जिनका पूरा नाम कार्ल फ्रेडरिक क्रिश्चियन लुडविग फ्रीहेर ड्रैस वॉन सॉरब्रॉन (Karl Friedrich Christian Ludwig Freiherr Drais von Sauerbronn) है। उनका जन्म 29 अप्रैल 1785 को दक्षिण पश्चिम जर्मनी में स्थित एक शहर कार्लज़ूए में हुआ था। 10 दिसंबर 1851 की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। उनके द्वारा किए गए आविष्कार की बात करें तो उन्होंने साइकिल के आविष्कार के अलावा 1821 में कीबोर्ड टाइपराइटर, दुनिया की पहली मीट ग्राइंडर मशीन और 16 अक्षरों वाली स्टेनोग्राफ मशीन का आविष्कार का श्रेय उन्हें दिया जाता है, लेकिन इन सभी के आविष्कार से ज्यादा उन्हें मुख्य रूप से साइकिल के आविष्कार के लिए जाना जाता है, जिसके कारण साइकिल और मोटरसाइकिल के विकास में महत्वपूर्ण सिद्धांत बनाए गए हैं।
साइकिल का आविष्कार कैसे और कब हुआ?
मैं आपको साइकिल के आविष्कार के पीछे की एक कहानी बताता हूं। यह 1815 ई. की बात है जब माउंट तम्बोरा पर्वत जो कि इंडोनेशिया में स्थित है और इसकी ऊंचाई 2,850 मीटर (9,350 फीट) है। उस पर्वत पर एक ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था, जिससे आकाश राख से ढक गया था, उसका प्रभाव आसपास के सभी देशों में तापमान की गर्मी में देखा गया था, लेकिन सबसे अधिक प्रभावित उत्तरी गोलार्ध के देश थे वहां ज्वालामुखी विस्फोट के कारण गोलार्द्ध में भुखमरी हो गई थी। प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो गई थी और पर्यावरण नष्ट हो रहा था, जानवर मर रहे थे। इस समस्या के कारण यह निर्णय लिया गया कि मवेशियों का सामान ढोने के लिए साइकिल का आविष्कार किया जाए, मवेशियों को दूध देने वाले पालतू जानवर के रूप में भी जाना जाता है।
शुरुआती समय में साइकिल लकड़ी से ही बनाई जाती थी, जिसमें न तो पैडल होता था और न ही गियर, इसे चलाने के लिए लोगों को पीछे से धक्का देना पड़ता था और साइकिल को गाइड करने के लिए इसमें एक हैंडल भी लगाया जाता था।
Karl Von Drais द्वारा बनाई गई पहली लकड़ी की साइकिल का वजन लगभग 23 किलोग्राम था और उन्होंने 12 जून, 1817 को अपने आविष्कार को दुनिया के सामने पेश करने का फैसला किया। 12 जून को जर्मनी के दो शहरों मैनहेम और राइनाउ के बीच कुल 7 किलोमीटर की दूरी तय कर इसे प्रदर्शित किया गया, इस दूरी को तय करने में करीब 1 घंटे का समय लगा। वर्तमान साइकिल, जिसमें पैडल और चेन आदि हैं, इसको सबसे पहले जॉन केम्प ने वर्ष 1885 में बाजार में उतारा था। भारत में 1942 में मुंबई स्थित एक साइकिल निर्माण कंपनी का Hindi Cycle साइकिल रखा गया था।
वर्तमान की साइकिल का आविष्कार कब हुआ था?
जैसा कि आपको बताया गया है कि साइकिल का अविष्कार कितने समय पहले हुआ था, अभी के मुकाबले पहले के साइकिल में बहुत फर्क था लेकिन बदलते समय के साथ साइकिल में भी बदलाव गया। पहली लकड़ी की साइकिल के आविष्कार के 45 साल बाद, 1863 में, एक फ्रांसीसी मैकेनिक, पियरे लेलेमेंट ने पहली पेडल साइकिल का आविष्कार किया, लेकिन उन्होंने साइकिल के पैडल को दो पहियों के बीच में नहीं रखा और इसे आगे के पहिये में लगा दिया, लेकिन साइकिल में छोटे-छोटे सुधार किए गए, जिसके कारण हम साइकिल के मौजूदा मॉडल को देख सकते हैं।

1866 के बाद साइकिल में लगातार परिवर्तन होते रहे। जो साइकिल अब हमारे पास दिखती है, उसका अविष्कार सबसे पहले 1885 में जॉन केम्प ने किया था, जिन्होंने साइकिल को बाजार में पेश किया जैसा कि अभी के समय में देखने को मिलती है। जब से साइकिल के आविष्कार के रेस शुरू हुई है, तब से साइकिल में छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं और अभी भी साइकिल में कुछ बदलाव करके इसे एक नए रूप के साथ बाजार में उतारा जा रहा है।
साइकिल का इतिहास
पहली साइकिल के आविष्कार से प्रेरित होकर कई वैज्ञानिकों ने साइकिल के आविष्कार में अपना योगदान दिया। साल 1865 में पेरिस में रहने वाले लेलेमेन ने पैडल से चलने वाली साइकिल बनाई, इसका नाम वेलोसिपेड (Velociped) रखा गया, लेकिन आपको बता दें कि इस साइकिल को चलाने वाले लोगों को काफी थकान महसूस होती थी और इसे Hadlod के रूप में भी जाना जाता था।
1865 के बाद लोग साइकिल की सवारी को काफी पसंद करने लगे। इस वजह से बाजार में साइकिल की मांग बढ़ गई और इस मांग को देखते हुए अमेरिका, फ्रांस और इंग्लैंड के मशीन निर्माताओं ने साइकिल में कई सुधार किए और 1872 में इसे एक सुंदर रूप दिया। पहिया को 30 इंच से बढ़ाकर 64 इंच व्यास किया गया, साथ ही पीछे के पहिये को व्यास में 12 इंच तक बढ़ाया गया, और क्रैंक के अलावा, ब्रेक और बुलेट बेयरिंग भी लगाए गए।
वहीं अगर हम अपने देश की बात करें तो साइकिल के पहियों ने भी आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभाई है। 1960 से 1990 तक अधिकांश परिवारों को साइकिल उपलब्ध हो गई थी। गांवों में किसानों द्वारा साप्ताहिक मंडियों में सब्जियों और फलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए साइकिल का उपयोग करते थे और डाक विभाग भी अपने काम के लिए साइकिल का उपयोग करते थे।
साइकिल के प्रकार
साइकिल के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे, लेकिन क्या किसी को पता है कि साइकिल कितने प्रकार की होती है? अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि साइकिल मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं तीनों का उल्लेख नीचे किया गया है-
- Road Cycle: यह साइकिल 25 से 35 हजार के आसपास आती है, इसे चलाने के लिए अच्छी सड़क की जरूरत होती है, इसे उबड़-खाबड़ जगहों पर नहीं चलाया जाता क्योंकि ऐसे क्षेत्र के कारण साइकिल के रिम के मुड़ने का खतरा रहता है, इसमे डिस्क ब्रेक नहीं लगे हैं।
- Hybrid Cycle: इस तरह की साइकिल 20 हजार से 1 लाख के बीच आती है, इसे ऑन-रोड और ऑफ-रोड दोनों जगह इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह थोड़ी महंगी होती है।
- MTB Cycle: इसकी कीमत आपको 12,000 से 15,000 के बीच देखने को मिल जाती है। इस साइकिल के टायर बाकी साइकिल की तुलना में काफी मोटे होते हैं और इसका इस्तेमाल ऑफ-रोड और पहाड़ी इलाकों में किया जाता है, इसमें हाइड्रोलिक ब्रेक भी लगाए जाते हैं।
FAQs
दुनिया की सबसे पहली साइकिल कौन सी है?
1817 में एक जर्मन व्यक्ति ने लकड़ी से दुनिया की पहली साइकिल बनाई।
साइकिल का आविष्कार कहां हुआ था?
दुनिया की पहली साइकिल का आविष्कार जर्मनी में हुआ था।
साइकिल को हिंदी में क्या बोलते है?
हिंदी में साइकिल कहते हैं लेकिन संस्कृत में साइकिल को द्विचक्रिका कहा जाता हैं।
दुनिया की सबसे महंगी साइकिल कौन सी है?
उसका नाम ट्रेक बटरफ्लाई मैडॉल है जिसकी कीमत 5 लाख डॉलर्स हैं।
Conclusion
सबसे पहले आप सभी पाठकों को Happy New Year क्योंकि 2023 आ गया है, तो हिंदी बंधन की ओर से एक बार फिर आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं: अब बात करते हैं आज के लेख के बारे तो आज हमने जाना है कि साइकिल का अविष्कार किसने किया? अगर आपको हमारा लिखा आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। अगर आप किसी विषय पर लेख चाहते हैं या हमसे कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट करके जरूर बता सकते हैं।