House Sparrow in Hindi – गौरैया चिड़िया के बारे में महत्वपूर्ण व रोचक जानकारी

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गौरैया देखने में बहुत खूबसूरत होती है और आपने इसे अपने घरों में भी जरूर देखा होगा क्योंकि यह चिड़िया ज्यादातर घरों के आसपास ही देखी जाती है इसी वजह से House Sparrow अर्थात गौरेया चिड़ियो को घरेलु चिड़िया भी कहा जाता हैं, ये देखने में बहुत खूबसूरत और छोटी होती है।

यह एक ऐसा पक्षी है जो घरों के पास पेड़ों पर रहता है। यह चिड़िया इंसानों से बहुत जुड़ी हुई है, इसलिए यह गांव के पुराने घरों में देखी जाती है, जिसकी चहचहाहट और शरारतें देखना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन दुर्भाग्य से आज गौरैया चिड़िया दुनिया से विलुप्त होती जा रही है।

गौरैया की प्रजाति जिस तरह विलुप्त होती जा रही है, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कुछ सालों बाद यह पक्षी धरती से पूरी तरह विलुप्त हो सकता है, लेकिन इस पक्षी को दुनिया से विलुप्त होने से बचाने के लिए 20 मार्च, 2010 से गौरैया दिवस बनाया जाने लगा। गौरैया दिवस के माध्यम से गौरैया पक्षी को दुनिया से खत्म होने से बचाने का संकेत दिया गया हैं।

Information About Sparrow in Hindi – गौरैया चिड़िया के बारे में जानकारी

गौरैया चिड़िया को हिंदी में गौरैया नाम से जाना जाता हैं, अंग्रेजी में इसे Sparrow नाम से जानते हैं। घरेलु गौरैया या House Sparrow का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name) Passer Domestics (पासर डोमेस्टिकस) हैं। इस चड़िया की सामान्य लंबाई 16 सेंटीमीटर (6.3) होता हैं, पक्षी के मास यानि द्रव्यमान के बारे में बताया जाये तो 24-39.5 ग्राम (0.85-1.39 औंस) तक होता हैं। गौरैया पक्षी के प्रजातियों में से सिंड स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो और हाउस स्पैरो इत्यादि प्रजाति शामिल हैं।

नामगौरैया चिड़िया (Sparrow Bird)
Scientific NamePasser Domesticus
प्रजातिघरेलु गौरैया
भोजनसर्वाहारी
गौरैया दिवस20 मार्च
जीवन3 से 5 साल

House Sparrow को गौरैया के नाम से जाना जाता है, यह पक्षी पहाड़ियों और घने जंगल में रहना पसंद नहीं करती, बल्कि लोगों के आसपास रहती है। ये पक्षी हमारे घरों और गलियों में अपना घोंसला बनाते हैं और घरों के आंगन में दाना खाने भी आते हैं, लेकिन वर्तमान में इन पक्षियों की संख्या बहुत कम होती दिखाई दे रही है और इसका मुख्य कारण पर्यावरण है। इसके अलावा और भी कई कारण हैं जिनकी वजह से यह पक्षी विलुप्त होने के कगार पर आ गया है।

गौरैया दिवस 2010 से हर साल न केवल दुनिया से गौरैया पक्षी को बचाने के लिए मनाया जाता है, बल्कि दुनिया भर में पर्यावरण से प्रभावित जानवरों और पक्षियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है।

बात करें यह पक्षी किस देश में पाया जाता है, तो हमारे देश के साथ-साथ यह एशियाई महाद्वीप के सभी देशों जैसे चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, म्यांमार और यूरोप आदि में पाया जाता है। जिनमें से 5 प्रजातियाँ हमारे भारत देश में पाई जाती हैं।

गौरैया चिड़िया का इतिहास

गौरैया पक्षी को 1851 में ब्रुकलिन न्यूयॉर्क में पेश किया गया था, जिसके बाद यह उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी भाग से 1990 तक दक्षिणी भाग में स्थित रॉकी या रॉकी पर्वत तक फैल गया। पूरे पश्चिम में पक्षी के प्रसार को 1870 के दशक की शुरुआत में समर्थन मिला। सैन फ्रांसिस्को और साल्ट लेक सिटी, और फिर अलास्का और सुदूर उत्तरी कनाडा को छोड़कर उत्तरी अमेरिका में सामान्य हो गए। और नेस्ट बॉक्स में रहना पसंद करती है।

sparrow chick
गौरैया चिड़िया के बच्चे

गौरैया पक्षी जमीन में एक छोटा सा गड्ढा भी बना सकती है क्योंकि वह अक्सर धूल फेंकती है इसका मतलब है कि यह पक्षी अपने पंखों पर गंदगी और धूल फैलाती है जिस तरह से पक्षी पानी से नहाते हैं और ऐसा करने से जमीन में गड्ढा हो जाता है। 1889 में, एक वैज्ञानिक ने बताया कि गौरैया अन्य पक्षियों के हमलों से अपने घोंसलों की रक्षा करने में भी सक्षम होती हैं, जिसमें 70 विभिन्न पक्षी प्रजातियों के अपने घोंसलों की रक्षा करने की रिपोर्ट शामिल थी।

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गौरैया चिड़िया के विलुप्त का कारण

सामान्यतया घरेलू गौरैया की उम्र 3 से 5 साल होती है, लेकिन समय से पहले ही यह बड़ी संख्या में विलुप्त होती जा रही है और इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन वो कौन से मुख्य कारण हैं जिनकी वजह से धरती पर गौरैया की संख्या कम होती जा रही है, इसके बारे में थोड़ी बात करते हैं।

लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए नए आविष्कार किए जा रहे हैं, तकनीक के क्षेत्र में दुनिया का विकास हुआ है, लेकिन इससे पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है और इससे प्रभावित पशु-पक्षी प्रभावित हो रहे हैं। विद्युत चुम्बकीय तरंगें भी वह कारण हैं जो गौरैया के लिए हानिकारक बताई जाती हैं। इंटरनेट के लिए अलग-अलग जगहों पर टावर लगाए जाते हैं, जिससे इंटरनेट की स्पीड बेहतर हो जाती है, लेकिन टावर से निकलने वाली तरंगें गौरैया को नुकसान पहुंचाती हैं और असमय मौत का कारण बनती हैं। शहरों की तुलना में गाँवों में इतनी टावर देखने को नहीं मिलती हैं, जिसके कारण आज भी गाँवों में गौरैया पाई जाती हैं।

पेड़-पौधों का जीवित रहना न केवल गौरैया के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन वर्तमान समय में छोटे पौधों को बड़ी मात्रा में काटा जा रहा है, यह घरेलू गौरैया के लिए घातक होता जा रहा है, इसके अलावा जगह-जगह घर बनाए जा रहे हैं जिसमें गौरैया का रहना मुश्किल हो जाता है। ताकि वह अपना घर न बना सके। हालांकि गौरैया की घटती संख्या को बचाने के लिए दिल्ली सरकार और बिहार सरकार ने इसे राजपक्षी का दर्जा भी दिया हैं।

गौरैया चिड़िया किस तरह दिखता है

गौरैया एक छोटी सी चिड़िया है जिसके पंखों का रंग हल्का भूरा और चोंच पीली होती है और नर चिड़िया की चोंच काली होती है जो देखने में बहुत ही प्यारी और सुंदर होती है। अध्ययन वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि हमारी पृथ्वी पर पक्षियों की कुल संख्या लगभग 50 अरब है, जिनमें अकेले गौरैया की संख्या 1.6 अरब है, लेकिन अब इस पक्षी की संख्या बहुत तेजी से घट रही है। इसकी लंबाई की बात करें तो यह लगभग 16 सेमी है, जबकि इसका द्रव्यमान 24 से 30 ग्राम तक है। यह जंगलों और पहाड़ियों में कम ही देखा जाता है, लेकिन अक्सर मानव निवास के पास देखा जाता है।

गौरैया चिड़िया का भोजन

घरेलू पक्षी का मुख्य भोजन बीज-दान, कीड़े-मकोड़े और फल-सब्जी आदि हैं। गौरैया एक सर्वाहारी पक्षी है और सर्वाहारी पक्षी का तात्पर्य यह है कि ऐसी चिड़िया अपने आहार में फल-सब्जियाँ आदि को शामिल करती है और इसके अलावा यह मांस भी इसके खाने में शामिल है। जैसे गाय के पेट के लिए घास और शेर के लिए मांस दोनों अलग-अलग होते हैं, जिससे दोनों की भोजन पचाने की प्रणाली भी अलग-अलग होती है, लेकिन गौरैया का भोजन और पाचन तंत्र दोनों प्रकार के भोजन को पचाने में सक्षम होता है। इंसानों के बीच रहने के कारण यह पक्षी ज्यादातर शाकाहारी आहार ही लेता है।

गौरैया पक्षी का महत्व

हमारी धरती में कई प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं जिनमें कौए की आवाज बहुत कर्कश होती है और मीठी आवाज वाली कोयल भी मौजूद होती है। गौरैया का महत्व गौरैया हमारे जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह पर्यावरण को संतुलित रखती है। ऐसे पक्षी भी पाए जाते हैं जिन्हें इंसान घरों में पालतू बनाकर रखते हैं, जो तोता और कबूतर पक्षी हैं, लेकिन क्या इन पक्षियों को पिंजरे में रखना सही है? किसी भी पक्षी को गुलाब बनाने से क्या फायदा। अगर आप पक्षियों से प्यार करते हैं और चाहते हैं कि वे आपके घर और आंगन में आएं तो उनके साथ अच्छे व्याभार बनाए रखते है तो वे खुद आपके आंगन में चले आएंगे।

गौरैया चिड़िया के बारे में रोचक तथ्य

  • हमने लेख में कई बार बताया है कि गौरैया तेजी से गायब हो रही हैं और यह बात बिल्कुल सच है, अगर गौरैया को नहीं बचाया गया तो उसका नाम धरती से मिट जाएगा।
  • house sparrow नाम से ही गौरैया को जाना जाता है।
  • नर गौरैया के शरीर पर लाल व काले रंग के धब्बे देखने को मिलती हैं।
  • गौरैया चहचहा कर बोलती है जिसके कारण इसकी आवाज सुनने में मीठी होती है।
  • गौरैया खत्म होने का सबसे बड़ा कारण फोन के टावर से निकले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगे हैं।
  • 20 मार्च को “World Sparrow Day” मनाया जाता हैं जिससे गौरैया को विलुप्त होने से बचा सके।
  • क्या आप जानते हैं गौरैया 38 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती हैं।
  • दिल्ली सरकार द्वारा 15 अगस्त 2012 को गौरैया को राज्य पक्षी का दर्जा दिया गया, लेकिन दिल्ली में इसकी संख्य बहुत तेजी से घट रही हैं।
  • 2015 के आंकड़ो के अनुसार लखनऊ में 5692 और पंजाब में 775 गौरैया बचे हुए हैं।
  • 2013 में बिहार में गौरैया को राजकीय पक्षी के रूप में स्वकारा गया हैं।
  • अप्रैल और अगस्त महीने के बीच में गौरैया अपना घोंसला बनाते हैं।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि गौरैया का स्वभाव अजीब होता है, ये दुखी होने पर बार-बार अपनी पूंछ हिलाती हैं।
  • क्या आपको पता हैं 33000 फिट की ऊंचाई पर गौरैया की कुछ प्रजातियां रहती हैं।
  • गौरैया चीन के किसानों की फसल खा जाती थी, जिसके कारण चीन सरकार ने 1950 के दशक में लाखों गौरैया को मार डाला था।
  • हर साल करीब 1000 गौरैया उड़ान के दौरान शीशे से टकराकर अपनी जान गंवा देती हैं।

गौरैया चिड़या रोचक जानकारी पर वीडियों देखें

FAQs

गौरैया चिड़िया आज क्यों गायब हो रही है?

गोरैया को गायब होने का कारण पर्यावरण हैं।

गौरैया चिड़िया का दुसरा नाम क्या है?

गोरैया पक्षी और घरेलु गौरैया नाम से जाना हैं।

घर में गौरैया का आना क्या होता है?

वास्तुशास्त के मुताबिक घर में गौरैया का आना शुभ होता, इसकी उपस्थिति से मनुष्य के जीवन में मधुरता आती है।

गौरैया को हरियाली की रानी क्यों कहा गया है?

क्योंकि गौरैया हरे-भरे घास व पौधों के तिनके इकट्ठा करके घोंसला बनाती हैं।

World Sparrow Day कब मनाया जाता है?

20 March को मनाया जाता हैं।

Conclusion

मुझे आशा है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी Sparrow Information in Hindi पसंद आई होगी, यदि हां, तो लेख को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अधिक से अधिक शेयर जरूर करें। इस आर्टिकल को शेयर करके आप Sparrow Bird के बारे में अधिक लोगों तक जानकारी पहुंचा सकते हैं।

अगर आपको इस लेख से कुछ नया सीखने को मिला है तो आप कमेंट बॉक्स में अपनी खुशी जाहिर कर सकते हैं। अंत में मैं आपको यही कहना चाहेंगे कि पशु-पक्षियों के साथ अच्छा व्यवहार बनाकर रखने से वे खुद इंसानों के बीच आना पसंद करते हैं।

नमस्ते, मेरा नाम सुनील पासवान हैं और मैं फुल टाइम ब्लॉगिंग करता हूँ। मुझे अलग-अलग विषयों पर लेख लिखना पसंद है। हिंदी बंधन के माध्यम से आप सभी तक बेहतर जानकारी पहुंचाने को मैंने अपना जुनून बना लिया है! आशा करता हूँ आप अपना प्यार बनाये रखेंगे।

1 thought on “House Sparrow in Hindi – गौरैया चिड़िया के बारे में महत्वपूर्ण व रोचक जानकारी”

  1. Having read this I believed it was extremely informative.
    I appreciate you finding the time and effort too put this content together.

    I once again find myself personally spending way too much timee both reading and leaving comments.
    But so what, it waas still worthwhile!

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