8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर बढ़ोतरी तय? जानिए कब होगा लागू और कितना होगा फायदा
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है।
8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चाएं तेज हैं और इसके लागू होने पर लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है।

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग को 1 जनवरी, 2026 से लागू किया जाना है। केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो रहा है, जिसके बाद नया आयोग प्रभावी हो सकता है।
हालांकि, आयोग की सिफारिशें तैयार करने और सरकार को रिपोर्ट सौंपने में लगभग 18 महीने लग सकते हैं, जिससे लागू होने में थोड़ी देरी भी संभव है।
यदि लागू होने में देरी होती है, तो कर्मचारियों को देरी की अवधि के लिए एरियर का भुगतान किया जा सकता है।
क्यों ज़रूरी है 8वां वेतन आयोग?
भारत में हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन किया जाता है ताकि महंगाई और जीवन यापन की लागत के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित किया जा सके।
लगातार बढ़ती महंगाई दर, कर्मचारियों की क्रय शक्ति में गिरावट, और जीवन यापन के बढ़ते खर्चों (मकान किराया, शिक्षा, इलाज आदि) के कारण एक नए वेतन आयोग की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसका एक उद्देश्य सरकारी सैलरी को प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाना भी है।
किन्हें मिलेगा फायदा?
8वें वेतन आयोग के लागू होने से सीधे तौर पर 50 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और लगभग 65 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा।
इसके अलावा, रक्षा बलों के जवानों और रेलवे कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा। यदि संबंधित राज्य सरकारें इसे अपनाती हैं तो राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिल सकता है।
सैलरी कितनी बढ़ सकती है? फिटमेंट फैक्टर का क्या रोल है?
वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवधारणा है। यह एक सामान्य गुणक (multiplier) है जिसका उपयोग सभी स्तरों पर संशोधित वेतन और पेंशन की गणना के लिए किया जाता है।
यह कर्मचारी के ग्रेड या वेतन बैंड की परवाह किए बिना एक समान वेतन वृद्धि सुनिश्चित करता है।
7वें वेतन आयोग के तहत, 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के कारण न्यूनतम मूल वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गया था। पेंशन भी ₹3,500 से बढ़कर ₹9,000 हो गई थी।
8वें वेतन आयोग के लिए आधिकारिक फिटमेंट फैक्टर का खुलासा अभी नहीं हुआ है। हालांकि, अनुमान है कि यह 2.5 से 2.86 के बीच हो सकता है।
कुछ रिपोर्ट्स में यह 2.5 के आसपास बताया जा रहा है, जबकि अन्य रिपोर्ट्स 2.86 तक जाने का अनुमान लगा रही हैं। कुछ कर्मचारी संगठन फिटमेंट फैक्टर को 3.0 या 3.68 तक करने की मांग कर रहे हैं।
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होता है, तो वर्तमान न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹51,000 या ₹51,480 तक पहुंच सकती है। फिटमेंट फैक्टर और ग्रेड पे के आधार पर उच्च स्तरों पर वेतन ₹40,000 से ₹1,00,000 या ₹15,000 से ₹1,00,000 तक बढ़ने का अनुमान है।
अन्य प्रस्ताव और कर्मचारियों की मांगें
सरकार को सुझाव दिया गया है कि कर्मचारियों के लेवल को मर्ज किया जाए, जैसे लेवल 1 को लेवल 2 के साथ, लेवल 3 को लेवल 4 के साथ और लेवल 5 को लेवल 6 के साथ।
इसका उद्देश्य निचले वेतनमान वाले कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाना और करियर ग्रोथ के मौके बेहतर करना है।
कर्मचारी संगठनों की मुख्य मांगों में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 करना, महंगाई भत्ता (DA) को हर 6 महीने में रिवाइज करना और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में भी बढ़ोतरी शामिल है।
वर्तमान डीए की स्थिति
वर्तमान में महंगाई भत्ता (DA) मूल वेतन का लगभग 55% है। मार्च में 7वें वेतन आयोग के तहत 2% डीए बढ़ाया गया था। एक स्रोत के अनुसार, वर्तमान में 53% DA 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी है।
उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग लागू होने से पहले जनवरी और जुलाई 2025 में DA में और बढ़ोतरी हो सकती है, जो 59-62% तक पहुंच सकता है। आयोग लागू होने पर DA को बेसिक सैलरी में मर्ज कर शून्य से शुरू किया जा सकता है।
आयोग गठन की प्रक्रिया और स्थिति
सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। हालांकि, आयोग के लिए रेफरेंस की शर्तें (Terms of Reference – ToR) अभी तक सरकार द्वारा प्रकाशित नहीं की गई हैं। नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के स्टाफ साइड के सदस्यों को उम्मीद है कि ToR को जल्द ही सरकार की मंजूरी मिल जाएगी।
सरकार ने जनवरी में NC-JCM के कर्मचारी पक्ष से ToR पर विचार मांगे थे। NC-JCM केंद्र सरकार और कर्मचारियों के बीच विवादों को बातचीत से हल करने वाली संस्था है।
आयोग के गठन के बाद अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति होगी। आयोग आर्थिक स्थिति और महंगाई को ध्यान में रखकर अपनी सिफारिशें तैयार करेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद राज्य सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों से सलाह ली जाएगी।
निष्कर्ष – 8th Pay Commission
8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग का लागू होना करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए आर्थिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। इससे न केवल उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था में भी गति आने की उम्मीद है।
हालांकि, अंतिम फैसला और वेतन वृद्धि की सही तस्वीर आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें जारी करने और सरकार द्वारा उन्हें मंजूरी देने के बाद ही साफ होगी।
फिलहाल, लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को आयोग के गठन और रेफरेंस की शर्तों के प्रकाशन का इंतजार है।

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