Mobile का आविष्कार किसने किया व कब किया था? Who invented Mobile Phone in Hindi

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अगर मोबाइल का आविष्कार नहीं हुआ होता तो आज की दुनिया इतनी विकसित न होती। स्मार्टफोन हमारे जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा बन गया है क्योंकि फोन की मदद से हम किसी को भी फोन कॉल कर सकते हैं, एसएमएस भेज सकते हैं।

जब मोबाइल का आविष्कार हुआ था तब मोबाइल थोड़े कम खरीदे जाते थे, लेकिन मौजूदा समय में स्मार्टफोन यूजर्स लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। आमतौर पर अभी जो स्मार्टफोन आ रहे हैं वो अच्छे फीचर्स वाले 10 से 12 हजार के आसपास मिलते हैं, लेकिन दुनिया के पहले मोबाइल की कीमत 3,995 डॉलर थी और आज की करेंसी के हिसाब से जोड़ा जाए तो करीब 10,000 डॉलर है। इतना महंगा फोन होने के बावजूद भी एक बार फुल चार्ज होने बाद भी सिर्फ 30 मिनट ही बात होता था।

फ़ोन क्या है? – What is a Phone in Hindi

यूं तो आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल तो करते ही होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर मोबाइल होता क्या है। आइए इसके बारे में भी बात करते हैं। फोन एक ऐसा डिवाइस है जिससे दो लोग दूर रहते हुए भी एक दूसरे से बात कर सकते हैं। अब फोन में कई ऐसे फीचर मिलते हैं जिनकी मदद से आप एक साथ कई लोगों से वीडियो कॉलिंग और वॉयस कॉलिंग कर सकते हैं।

फोन को एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के रूप में भी जाना जाता है और यह एक संचार उपकरण है जिसका उपयोग कॉल करने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है। मोबाइल में नंबर डायल करने आदि के लिए एक स्पीकर, माइक्रोफोन और कीपैड होता है। यह एक वायरलेस नेटवर्क से जुड़ा होता है जो ऑडियो सिग्नल को प्रसारित और प्राप्त करने की अनुमति देता है। फ़ोन का उपयोग विभिन्न तकनीकों के साथ किया जा सकता है और यह एक वायर्ड या वायरलेस फ़ोन हो सकता है।

आधुनिक समय में फोन का इस्तेमाल इंटरनेट ब्राउज करने, फोटो लेने, एप/प्लेटफॉर्म एक्सेस करने आदि के लिए किया जाता है। आपको पता होगा कि बिना किसी का नंबर डायल किए आप फोन कॉल नहीं कर सकते, कॉल करने के लिए निश्चित नंबर डायल करना आवश्यक हैं। फोन के आविष्कार के बाद इसे और बेहतर बनाने के लिए इसमें नए फीचर्स जोड़े गए और अब कंपनी ने फोन में नए फीचर्स के साथ मोबाइल लॉन्च भी कर रहे हैं।

मोबाइल का आविष्कार किसने और कब किया था?

दुनिया के पहले मोबाइल का आविष्कार “Martin Cooper” ने 3 अप्रैल 1973 को किया था. ये व्यक्ति उस समय Motorola कंपनी के रिसर्चर के साथ एक्जीक्यूटिव भी थे, लेकिन आपको बताना चाहेंगे कि मोबाइल के आविष्कार से पहले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने 3 अप्रैल 1973 को 1876-1877 टेलीफोन का निर्माण किया था, इस निर्माण से प्रेरित होकर इंजीनियरों मोबाइल निर्माण में लग गये।

शुरुआती दिनों में मोबाइल बनाए गए थे, वे अब की तुलना में बहुत बड़े थे। इसका प्रयोग केवल किसी को कॉलिंग के लिए किया जाता है जिसके कारण इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में बहुत कठिनाई होती थी। मार्टिन कूपर ने दुनिया के पहले मोबाइल का नाम Motorola DynaTAC रखा था। फोन की बात करें तो इसमें कई कमियां थीं और इसकी बैटरी को चार्ज होने में करीब 10 घंटे का समय लगता था और चार्ज खत्म करने में सिर्फ 10 मिनट।

मोबाइल का इतिहास – History of Mobile in Hindi

मोबाइल का इतिहास 1940 के दशक का है जब शोधकर्ताओं और इंजीनियरों ने पोर्टेबल रेडियो संचार उपकरणों को विकसित करने के लिए काम करना शुरू किया। जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि शुरुआती दिनों के फोन काफी मोटे और लंबे आते थे। इसकी लंबाई 9 इंच (22.9 सेमी) और वजन 1.1 किलोग्राम था और इसका उपयोग केवल सैन्य और आपातकालीन सेवाओं द्वारा किया जाता था।

History of Phone
Phone इतिहास क्या है

प्रारंभिक मोबाइल सेलुलर फोन इसका मतलब लंबी दूरी की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है और इसका उपयोग मुख्य रूप से बस स्टेशनों के नेटवर्क पर आधारित डेटा संचार के लिए किया जाता है। उन्हीं उपलब्ध मोबाइलों को 1970 के दशक में व्यावसायिक रूप से पेश किया गया था। यह विभिन्न स्थानों पर प्रदान किए गए रिसीवर और कम-शक्ति वाले रेडियो ट्रांसमीटरों की एक प्रणाली का उपयोग करता था। इसमें उपयोगकर्ताओं को चलते-फिरते कॉल करने और प्राप्त करने की अनुमति दी।

मोबाइल फोन आज दुनिया में अरबों लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है और उनके दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा भी बन गया है। पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल उपयोगकर्ताओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है और इंटरनेट एक्सेस, मल्टीमीडिया क्षमताओं और टेक्स्ट मैसेजिंग की एक विस्तृत श्रृंखला प्राप्त की है।

मोबाइल फोन आविष्कारक मार्टिन कूपर का जीवन परिचय

Martin Cooper
फोन के आविष्कारक मार्टिन कूपर

Martin Cooper एक अमेरिकी इंजीनियर और आविष्कारक हैं जो वायरलेस संचार क्षेत्र में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। कूपर का जन्म 1928 में शिकागो, इलिनोइस में हुआ था और उन्होंने इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री के साथ-साथ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री भी हासिल की।

1954 में, उन्होंने अपना करियर शुरू करने के लिए मोटोरोला कंपनी ज्वाइन की और पोर्टेबल टू-वे रेडियो सहित कई परियोजनाओं के विकास पर काम किया। 1970 के दशक में, कूपर ने उसी टीम का नेतृत्व किया जो मोटोरोला सेल फोन के विकास पर काम कर रही थी।

1973 में, कूपर ने न्यूयॉर्क शहर के फुटपाथ से बेल लैब्स मुख्यालय तक कॉल करके पहला पोर्टेबल सेल फोन, डायना टैक 8000X प्रदर्शित किया, और यह सेल फोन व्यावसायिक रूप से उपलब्ध पहला फोन भी बन गया।

मार्टिन कूपर को पहले पोर्टेबल फोन का आविष्कार करने का श्रेय दिया जाता है, और उन्हें नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के चार्ल्स स्टार्क ड्रेपर और नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

दुनिया का पहला मोबाइल का नाम क्या था?

दोस्तों हम आपको बता दें कि दुनिया का सबसे पहला मोबाइल Motorola DynaTAC नाम से बनाया गया था जो 9 इंच का और लगभग 2.5 पाउंड का था जिसका वजन 1.1 किलोग्राम था। मार्टिन कूपर के आविष्कार के कारण मोबाइल उद्योग की शुरुआत बहुत तेजी से हुई। पहले फोन में 10 साल तक उसकी खामियों को दूर करने की प्रक्रिया चल रही थी और सेलुलर नेटवर्क को बेहतर तरीके से विकसित करने का काम किया जा रहा था.

लगभग एक दशक बाद, मोटोरोला ने सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए मोबाइल फोन बाजार पेश किया, जिसे Mototoral DynaTAC 8000X नाम दिया गया। इसकी कीमत 2.80 लाख रुपये में खरीदने के लिए चुकाई गई थी। 30 कॉन्टैक्ट्स तक सेव करने के विकल्प के साथ फोन में 6 घंटे की बैटरी लाइफ भी थी।

भारत में पहला मोबाइल फोन

भारत में पहला मोबाइल 1995 में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने पहली बार केंद्रीय संचार मंत्री सुख राय को फोन किया था, लेकिन भारत में 1994 में भूपेंद्र कुमार मोदी ने Modi Telstra और बाद में Spice Mobile नाम की कंपनी द्वारा भारत में पहली मोबाइल सेवा शुरू की।

इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन (ITU) के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में चीन में इंटरनेट का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है, जो 2021 तक 905 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता थे, लेकिन भले ही चीन देश की 64% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या भी बढ़ रहा है। भारत में 56 करोड़ से ज्यादा यूजर्स इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत तीसरा स्थान है जहां सबसे अधिक लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं लेकिन 2022 में 1.28 अरब इंटरनेट उपयोगकर्ता होने के बाद भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

मोबाइल के प्रकार

मुख्य रूप से तीन प्रकार के मोबाइल फोन होते हैं, नीचे हमने उन तीन फोन के बारे में विस्तृत विवरण दिया है-

  • Basic Phone: इस तरह के फोन में आपको बाजार में 500-1000 रुपए की कीमत मिल जाती है, इसमें सिर्फ कॉलिंग, टेक्स्ट और कुछ म्यूजिक की सुविधा दी जाती है। इसका उपयोग कॉलिंग जैसे साधारण कार्यों के लिए किया जाता है। ऐसे फोन सैमसंग, नोकिया, माइक्रोमैक्स आदि कंपनियां बनाती हैं।
  • Feature Phone: इसकी कीमत करीब 1000-2000 रुपए होती है, जिसमें कॉलिंग, फोटो, टेक्स्ट मैसेज, ऑडियो वीडियो आदि फीचर मिलते हैं। ऐसे फोन का उदाहरण Jio Phone है जिसमें इंटरनेट भी चलता है।
  • Smartphone: स्मार्टफोन का इस्तेमाल पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा किया जाता है। 5 हजार से 2 लाख तक में हमें स्मार्टफोन खरीदने का विकल्प मिलता है। इस तरह के फोन में लैपटॉप, कंप्यूटर आदि सभी डिवाइस शामिल होते हैं।

FAQs

स्क्रीन टच मोबाइल का आविष्कार कब हुआ था?

पहला स्क्रीन टच मोबाइल आईबीएम और यूएस मोबाइल फोन निर्माता बेलसेल्फ द्वारा 1992 में आईबीएम साइमन पेश किया गया था।

मोबाइल को हिंदी में क्या कहा जाता है?

शुद्ध हिंदी में मोबाइल को चलंत दूरभाष यंत्र कहा जाता हैं।

फोन पर हेलो क्यों कहते हैं?

रिपोर्ट के मुताबिक टेलीफोन के आविष्कारक Alexander Graham Bell की गर्लफ्रेंड का नाम मार्गरेट हेलो था। टेलीफोन के आविष्कार के बाद उन्होंने अपने प्यार को अमर करने के लिए पहला शब्द हैलो बोला।

Conclusion

मुझे उम्मीद है कि आज मैंने आपको Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya के बारे में पूरी जानकारी दी, इसके अलावा आपको फोन के आविष्कारक मार्टिन कूपर के जीवन परिचय के बारे में भी जानकारी मिली।

यदि आपको इस लेख से संबंधित कोई संदेह है या इसमें कुछ सुधार की आवश्यकता है तो आप कमेंट करके बता सकते हैं। हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और लेख को बेहतर बनाने का मौका मिलेगा।

मोबाइल फोन का आविष्कार किसने किया इस जानकारी से अगर आपको कुछ सीखने को मिला हो तो अपनी खुशी जाहिर करने के लिए लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करें, धन्यवाद।

नमस्ते, मेरा नाम सुनील पासवान हैं और मैं फुल टाइम ब्लॉगिंग करता हूँ। मुझे अलग-अलग विषयों पर लेख लिखना पसंद है। हिंदी बंधन के माध्यम से आप सभी तक बेहतर जानकारी पहुंचाने को मैंने अपना जुनून बना लिया है! आशा करता हूँ आप अपना प्यार बनाये रखेंगे।

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