लोकतंत्र क्या है जानिए परिभाषा, महत्व व प्रकार | Loktantra Kya Hai

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Loktantra Kya Hai लोकतंत्र किसे कहते है? हम जानते हैं कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो लोकतंत्र के बारे में नहीं जानते हैं।

हमारा भारत दुनिया का दूसरा और सातवाँ सबसे बड़ा देश है और हम सभी भारतीयों को लोकतंत्र का अधिकार है, लेकिन मुद्दा यह आता है कि क्या इस अधिकार के बारे में सभी जानते हैं, जिन्को नही पता हैं लोकतंत्र के बारे उसे आज के इस लेख के माध्यम से लोकतंत्र के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करने जा रहे हैं।

लोकतंत्र को इंग्लिश में Democracy कहा जाता हैं जो कि एक यूनानी भाषा हैं जिसका अर्थ लोग और शासन होता हैं मगर लोकतंत्र शब्द के शाब्दिक अर्थ, जनता द्वारा जनता के लिए चुना गया शासन होता हैं। लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली हैं जिसके अन्तर्गत किसी भी जनता को अपनी इच्छा अनुसार निर्वाचन में आए हुए किसी भी उम्मीदवार को मत देकर वो अपना प्रतिनिधि का चयन कर सकती हैं, आइए लोकतंत्र के बारे में विस्तार से जाते हैं।

लोकतंत्र किसे कहते है?

यदि आप लोकतंत्र और प्रजातंत्र के बीच में अंतर समझ रहे हैं, तो आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि ये दोनों शब्द एक ही हैं, लोकतंत्र को प्रजातंत्र कहा जाता है। लोकतंत्र के तहत हर किसी को अपने अच्छा से दल में आए हुए किसी भी उम्मीदवार को मतदान देकर प्रतिनिधि चुन सकता हैं और उसे विधायका का सदस्य बनाती हैं।

जिस भी देश में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था हो वहाँ की जनता अपनी मर्की से किसी को भी वोट देकर विधायक चुन सकती है। इस व्यवस्था के अन्तर्गत राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक न्याय की व्यवस्था में सभी लोगों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं।

कहा जाए तो लोकतंत्र शब्द का प्रयोग मुख्य रूप से राजनीति में किया जाता है। साथ ही इस शासन व्यवस्था में प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्वतंत्रता प्रदान की जाती है। अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा कहा गया था कि लोकतंत्र लोगों के शासन की एक प्रणाली है और लोगों द्वारा चुनी जाती है।

लोकतंत्र क्या है हिंदी में – Loktantra Kya Hai in Hindi

लोकतंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है लोक + तंत्र, जिसका अर्थ है लोक अर्थात जनता और तंत्र का अर्थ है शासन होता हैं और यह सरकार और जनता से संबंधित है। लोकतांत्रिक सरकार में जनता के कुछ मूल अधिकार प्राप्त होते हैं। इसके अंतर्गत अधिकारों की जानकारी मैंने पहले ही दे दी है आप इसे अच्छी तरह से पढ़ सकते हैं।

पहले के समय में जनता के पास यह अधिकार नहीं था। जब भारत ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र हुआ, इसके बाद विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र अपने राष्ट्रवादी आंदोलन कांग्रेस के नेतृत्व में बनाया और पुराने शासन से आजादी दी, साथ ही कुछ अधिकार प्रदान किए जो सरकार हमसे नहीं छीन सकती। यद्यपि भारत में लोकतंत्र का शासन वैदिक काल से ही प्रारंभ हो गया था।

लोकतंत्र का परिभाषा

इसकी परिभाषा की बात करें तो इसकी कोई एक परिभाषा देना बहुत मुश्किल है, लेकिन नीचे हम इसकी कुछ परिभाषाओं के बारे में बात करने जा रहे हैं-

  • लोकतंत्र की परिभाषा यूनानी दार्शनिक वलीआन ने दी हैं कि लोकतंत्र का अर्थ वह होगा जो जनता का, जनता के द्वारा हो, जनता के लिए हो।
  • ब्राइस ने इसकी प्ररिभाषा यह दी हैं कि लोकतंत्र का अर्थ ऐसा शासन जिसमे एक साधारण जनता का शासन होता हो।
  • सिले के अनुसार लोकतंत्र वह शासन का रूप हैं जिसमे हर साधारण जनता भाग होता हैं।
  • हॉल यह परिभाषा दी है कि लोकतंत्र का अर्थ ऐसी सरकार जो अवश्यकता अनुसार लोगो पर रोक किया जा सके।
  • ऑस्टिन के अनुसार लोकतंत्र वह शासन प्रणाली है जिसके अंतर्गत जनता का अपेक्षाकृत बड़ हिस्सा सरकार होता हैं।

लोकतंत्र का महत्व

लोकतंत्र शासन में इसका एक अलग महत्व है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि लोकतंत्र शासन कई प्रकार की आलोचनाओं और दोषों से घिरा हुआ है, फिर भी इसका महत्व अलग तरह से देखा जाता है। इसका महत्व जनता के जीवन पर बहुत अधिक है क्योंकि यह जनता के हितों, स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा करता है, इसके बारे में नीचे जानकारी आपके साथ दी जा रही है-

  • लोकतंत्र शासन के अंतर्गत बेहतर निर्णय देने के की संभावना के लिए इसका भी भूमिका शामिल हैं।
  • इसमें लोगो के अपनी राय व विचारों को प्रकट करने के भी स्वतंत्रा दी गई हैं और प्रशासन के विचार-विमर्श पर भी टिप्पणी कर सकते हैं इससे देश के विकास और समाज की प्रगति की प्रक्रिया में योगदान मिलती है।
  • लोकतंत्र जनता का सम्मान को बढ़ाता है।
  • लोकतांत्रिक शासन प्रणाली अन्य सभी व्यवस्थाओं से बेहतर है।
  • प्रजातांत्रिक व्यवस्था दूसरों के मुकाबले काफी बेहतर है क्योंकि इसके द्वारा हमें अपनी भूल सुधारने का मौका दिया जाता है।

लोकतंत्र का प्रकार

लोकतंत्र के प्रकार की बात करें तो यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है, प्रतिनिधि लोकतंत्र और प्रत्यक्ष लोकतंत्र, दोनों के बारे में नीचे बताया जा रहा है-

  1. प्रतिनिधि लोकतंत्र: वर्तमान समय में भारत सहित अनेक देशों में ऐसी शासन व्यवस्था देखने को मिलती है। वास्तव में, प्रतिनिधि लोकतंत्र का अर्थ है जिसमें लोग 5 साल में एक बार अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं और वे देश और समाज के विकास के लिए निर्णय देते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि फैसले लेते हैं। इस प्रकार के शासन में देश की जनता केवल अपना प्रतिनिधि चुनती है, वह किसी शासन या कानून निर्माण में भाग नहीं लेती है।
  2. प्रत्यक्ष लोकतंत्र: यह शासन स्विट्जरलैंड में चलाया जाता है। देश के सभी लोग राज्यों के महत्वपूर्ण कार्यों के निर्णय पर सीधे मतदान करते हैं, इसे प्रत्यक्ष लोकतंत्र कहते हैं। यह शासन प्राचीन काल में चलाया जाता था, जिसमें राज्य के कार्य में सभी नागरिकों से परामर्श कर निर्णय लिया जाता था।

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लोकतंत्र की विशेषताएं

आइए अब लोकतंत्र की विशेषताओं के बारे में थोड़ी चर्चा करते हैं, नीचे मैंने इसकी 5 विशेषताओं के बारे में जानकारी दी है-

  1. कानून व्यवस्था: कानून और व्यवस्था एक प्रक्रिया या प्रथा और मानक है जो शासन को बेहतर बनाने का कार्य प्रदान करता है, इसके तहत यह देश के संपूर्ण लोगों को समानता स्थापित करने में सहायक होता है। कोई भी राजनीतिक दल कानून व्यवस्था में दखल नहीं दे सकता।
  2. राजनीतिक लोकतंत्र: इससे देश का आम नागरिक भी राजनीति में भाग ले सकता है और जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि के कारण राजनीति के क्षेत्र में निर्णय भी ले सकता है क्योंकि जनता का यह अधिकार है।
  3. संविधान: यह देश के कानून व्यवस्था और नियमों का मूल संग्रह होता है क्योंकि यह राज्य को नियंत्रित करता है। लोकतांत्रिक देश होने के लिए संविधान का होना जरूरी है, लोकतांत्रिक देश तभी कहलाता है जब देश में संविधान मौजूद हो। सरकार की न्याय व्यवस्था के निर्णय लेने के साथ-साथ संविधान के अंतर्गत नागरिक के अधिकारों और दायित्वों को दर्शाया गया है।
  4. मताधिकार: यह वह शासन व्यवस्था हैं जिससे नागरिक अपने प्रतिनिधि का चुनाव कर सकते हैं यह अधिकार नागरिक को प्राप्त होता हैं।
  5. स्वाधीनता और समानता: इसे लोकतंत्र प्रणाली की पहली विशेषता माना जाता है क्योंकि यह नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करती है, जिससे एक व्यवस्थित समाज की स्थापना होती है।
लोकतंत्र क्या है? और किसे कहते हैं इस बारे में वीडियो देखें

लोकतंत्र से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर (FAQs)

लोकतंत्र का क्या अर्थ है?

शासक का चयन जनता ही करती हैं लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता सर्वोपरि होती है।

लोकतांत्रिक शिक्षा का अर्थ क्या है?

इसका उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास करना है।

लोकतंत्र के मूल सिद्धांत क्या है?

1. उदारवादी: मौलिक अधिकार प्रदान किए जाते हैं इसके अंतर्गत स्वतंत्रता, धर्म-निरपेक्षता व समानता का भी अधिकार सभी नागरिक को प्राप्त होता हैं।
2. सहभारिता: प्रतिनिधि जनता और पार्टी के समर्थन से आगे बढ़ता है।
3. स्वतंत्रता: लोकतंत्र का सबसे पहला सिद्धांत सभी को स्वतंत्रा प्रदान करना हैं प्रतेक व्यक्ति स्वतंत्रा पदा हुआ है स्वतंत्रा ही रहना पसंद करना हैं। लोकतंत्र में किसी भी व्यक्ति दुसरे व्यक्ति पर आधिपत्य जमा नही सकता हैं।
4. धर्मनिरपेक्षता: इस सिद्धांत के अंतर्गत को भी राज्य प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी धर्म पर वो आधारित नही होगा और ना हि धर्म के आधार पर किसी व्यक्ति किसी व्यक्ति से भादभाव करेगा।

लोकतंत्र के 4 स्तंभ कौन से हैं?

विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया लोकतंत्र के चार स्तंभ माने जाते हैं।

Conclusion

आज मैंने आपको लोकतंत्र क्या हैं? और लोकतंत्र किसे कहते हैं? के साथ अन्य जानकारी भी प्रदान की हैं यदि आपको यह लेख पसंद आया हैं तो इसे अपने दोस्तों के साथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूर शेयर करें और इस लेख के बारे में अपनी प्रशंसा कमेंट बॉक्स में लिखें।

ऐसा माना जाता हैं कि लोकतंत्र का उदय करीब 500 ई. पू. यूनान में हुआ था क्योकिं सर्वप्रथम वही लोकतांत्रिक सरकार बनी थी यदि आप लोकतंत्र से संबंधित अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमे बता सकते हैं।

नमस्ते, मेरा नाम सुनील पासवान हैं और मैं फुल टाइम ब्लॉगिंग करता हूँ। मुझे अलग-अलग विषयों पर लेख लिखना पसंद है। हिंदी बंधन के माध्यम से आप सभी तक बेहतर जानकारी पहुंचाने को मैंने अपना जुनून बना लिया है! आशा करता हूँ आप अपना प्यार बनाये रखेंगे।

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