होम लोन वालों के लिए बड़ी खबर: RBI ने जारी किए नए दिशानिर्देश, मिलेगी बड़ी राहत!
नई दिल्ली: घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, और इस सपने को पूरा करने में होम लोन एक बड़ा सहारा है। लेकिन होम लोन लेने से लेकर उसे चुकाने तक ग्राहकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें बैंकों की मनमानी भी शामिल है।
इसी को देखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), जो भारत का केंद्रीय बैंक है और बैंकिंग क्षेत्र को विनियमित करता है, ने होम लोन उधारकर्ताओं को बड़ी राहत देने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
RBI ने हाल ही में बैंकों का सालाना निरीक्षण किया था, जिसमें यह पाया गया कि कई बैंक होम लोन लेने वालों से ब्याज वसूलने में मनमर्जी कर रहे थे। इन शिकायतों और ग्राहकों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए, RBI ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।

इन नए नियमों से ग्राहकों को तो फायदा होगा, लेकिन बैंकों को अब ब्याज वसूलने में मनमानी का मौका नहीं मिलेगा।
ब्याज की गणना अब वास्तविक वितरण तिथि से:
RBI के सामने यह आया था कि कई बैंक लोन मंजूर होने की तारीख से या उससे पहले ही ग्राहकों से ब्याज लेना शुरू कर देते थे, जबकि असल में लोन राशि ग्राहक के खाते में आने के बाद ब्याज शुरू होना चाहिए।
जिन मामलों में चेक के जरिए लोन दिया गया, वहां चेक जारी करने की तारीख से ब्याज वसूला गया, जबकि ग्राहक को चेक कई दिनों बाद मिला और उसे क्लियर होने में समय लगा। इससे ग्राहकों को लोन की राशि देरी से मिली, लेकिन ब्याज पहले ही शुरू हो गया।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, लोन प्रदाता बैंकों या संस्थाओं को अब ब्याज उसी दिन से लेना होगा जिस दिन से ग्राहक को लोन की वास्तविक राशि मिल जाएगी।
यानी, लोन राशि की वास्तविक वितरण तिथि से पहले बैंक ब्याज नहीं वसूल सकेंगे। RBI ने बैंकों को चेक जारी करने के बजाय ऑनलाइन ही खाते में राशि ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं ताकि ग्राहक को तुरंत राशि मिल सके और ब्याज गणना तुरंत शुरू हो सके।
लोन चुकाने के बाद डॉक्युमेंट्स वापस मिलना हुआ आसान:
RBI को यह शिकायतें भी मिल रही थीं कि बैंक लोन पूरा चुकाने के बाद भी ग्राहकों को उनके गिरवी रखे प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स समय पर नहीं लौटाते थे। कई बार तो ये मामले कानूनी विवादों तक पहुंच गए।
इन शिकायतों को दूर करने के लिए, RBI ने नया नियम बनाया है कि अगर कोई ग्राहक होम लोन पूरा चुका देता है, तो बैंक को 30 दिनों (एक महीने) के अंदर उसके प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स लौटा देने होंगे। पहले डॉक्युमेंट्स लौटाने के लिए ऐसा कोई स्पष्ट समय-सीमा वाला नियम नहीं था।
यह नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है (स्रोत के अनुसार 9 अप्रैल, 2025 से प्रभावी)। अगर किसी कारण से बैंक डॉक्युमेंट्स देने में देर करते हैं, तो उन्हें इसका कारण बताना होगा और ग्राहक को हर्जाना भी देना होगा। हालांकि, जुर्माने की राशि की आधिकारिक जानकारी स्रोतों में नहीं दी गई है।
यह नियम कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए भी सुविधा प्रदान करता है। यदि लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक को कानूनी उत्तराधिकारियों को आसानी से कागजात सौंपने होंगे।
बैंकों और NBFCs को अपनी वेबसाइट पर होम लोन से जुड़े सभी नियम-कानून और डॉक्युमेंट्स लौटाने की प्रक्रिया को साफ-साफ प्रकाशित करना होगा। नियमों का पालन न करने पर ग्राहक RBI के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
रेपो रेट में कटौती से EMI में राहत की उम्मीद:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2025 में लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। 7 फरवरी, 2025 को रेपो रेट 6.25% हुई थी। इसके बाद 9 अप्रैल, 2025 को हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में RBI ने रेपो रेट में फिर से 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करके इसे 6.00% पर ला दिया है।
रेपो दर में इस कटौती से होम लोन लेने वालों को राहत मिलने और EMI कम होने की उम्मीद है, खासकर उन लोगों की EMI जो रेपो रेट से जुड़ी हुई हैं।
अन्य महत्वपूर्ण दिशानिर्देश: स्रोतों के अनुसार, RBI ने होम लोन से संबंधित कुछ अन्य दिशानिर्देश भी जारी किए हैं:
- LTV (लोन टू वैल्यू) अनुपात: होम लोन को अधिक किफायती बनाने के लिए LTV अनुपात में बदलाव किए गए हैं। ₹30 लाख तक के लोन के लिए यह प्रॉपर्टी मूल्य का 90% तक हो सकता है। ₹30 लाख से ₹75 लाख के बीच 80% और ₹75 लाख से अधिक के लिए 75% तक। LTV गणना में पंजीकरण, स्टाम्प ड्यूटी और दस्तावेज़ीकरण शुल्क शामिल नहीं किए जाएंगे (₹10 लाख से कम की प्रॉपर्टी को छोड़कर)।
- पूर्व भुगतान शुल्क (Prepayment Charges): फ्लोटिंग ब्याज दर वाले होम लोन के मामले में प्रीपेमेंट शुल्क माफ कर दिया गया है। फिक्स्ड ब्याज दर के मामले में पेनल्टी 3% तक सीमित कर दी गई है।
- बैलेंस ट्रांसफर सुविधा: होम लोन को रिफाइनेंस करने के लिए बैलेंस ट्रांसफर अब आसान हो गया है, क्योंकि इसके लिए फोरक्लोज़र शुल्क माफ कर दिया गया है।
- रिपेमेंट ट्रैकिंग: ऋणदाताओं के लिए अब ऋण चुकाने से संबंधित सभी अपडेट समय-समय पर ऋणकर्ताओं को बताना आवश्यक है।
- RERA अनुमोदन: निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स के लिए होम लोन हेतु RERA की मंजूरी आवश्यक है।
- दस्तावेज़ सत्यापन: होम लोन आवेदन के साथ जमा किए गए दस्तावेज़ों को डिजिटल रूप से सत्यापित किया जाएगा।
प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) में बदलाव (1 अप्रैल, 2025 से):
RBI ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण देने के नियमों में भी बदलाव किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।
- छोटे ऋण पर कोई शुल्क नहीं: ₹50,000 तक के छोटे ऋण पर बैंक किसी भी प्रकार का सेवा या निरीक्षण शुल्क नहीं लगा सकेंगे।
- होम लोन की सीमा बढ़ी: PSL के तहत होम लोन की सीमा बढ़ाई गई है। 50 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में अब ₹50 लाख तक (पहले ₹35 लाख), 10 लाख से अधिक आबादी वाले केंद्रों में ₹45 लाख तक और 10 लाख से कम आबादी वाले क्षेत्रों में ₹35 लाख तक का होम लोन PSL के तहत आएगा।
- रिपोर्टिंग: बैंकों को तिमाही और वार्षिक आधार पर अपने PSL ऋणों की विस्तृत जानकारी जमा करनी होगी।
- गोल्ड लोन बाहर: NBFC से खरीदे गए सोने के आभूषणों के बदले दिए गए ऋणों को PSL के रूप में नहीं गिना जाएगा।
क्यों किए गए ये बदलाव? ये बदलाव ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करने, बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता लाने और होम लोन प्रक्रिया को अधिक ग्राहक-अनुकूल बनाने के लिए किए गए हैं।
उधारकर्ताओं के लिए सलाह: अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। ये नियम आपके हित में हैं। होम लोन लेने से पहले विभिन्न विकल्पों की तुलना करें, अपना क्रेडिट स्कोर (750 या उससे अधिक को अच्छा माना जाता है) सही रखें, लोन डॉक्युमेंट्स और शर्तों को ध्यान से पढ़ें, और समय पर EMI भरें।
RBI के नए दिशानिर्देश होम लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत हैं और बैंकिंग सिस्टम में विश्वास बढ़ाने में मददगार साबित होंगे।

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