मानसून 2025: अच्छी खबर! 16 साल में सबसे जल्दी आया मानसून, इन 15 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अपने शहर का हाल
परिचय: भारत में इस साल मौसम का मिजाज तेजी से बदला है और एक बड़ी खबर यह है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने निर्धारित समय से काफी पहले दस्तक दे दी है।
यह न केवल किसानों के लिए, बल्कि भीषण गर्मी का सामना कर रहे देश के कई हिस्सों के लिए भी राहत लेकर आया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मानसून की प्रगति और विभिन्न राज्यों में होने वाली भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने को लेकर चेतावनी जारी की है।

समय से पहले पहुंचा मानसून: एक रिकॉर्ड आगमन केरल में मानसून का आगमन सामान्य तौर पर 1 जून के आसपास होता है, लेकिन इस साल मानसून 24 मई, 2025 को ही पहुंच गया। कुछ स्रोतों के अनुसार, यह 24 घंटे के भीतर पहुंचने वाला था (24 मई के आसपास की रिपोर्टिंग)।
यह सामान्य तिथि से लगभग एक सप्ताह से आठ दिन पहले का आगमन है। IMD के अनुसार, यह पिछले 16 वर्षों में मानसून का सबसे जल्दी आगमन है; इससे पहले 2001 और 2009 में मानसून 23 मई को पहुंचा था। मानसून अब कर्नाटक, तमिलनाडु, कोंकण, गोवा और पूर्वोत्तर राज्यों की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
व्यापक अलर्ट: 15 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने देश के 15 राज्यों में बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। इन अलर्ट्स का मतलब है कि लोगों को आने वाले दिनों में मौसम के बिगड़े मिजाज के लिए तैयार रहना चाहिए।
रेड अलर्ट वाले राज्य:
IMD ने तीन राज्यों – केरल, गोवा और कर्नाटक – के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की अत्यधिक संभावना है।
केरल के कई जिलों में 27 मई तक, गोवा में 25 मई तक, और कर्नाटक के तटीय और घाट क्षेत्रों में 25 से 27 मई तक भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। कर्नाटक के उत्तरा कन्नड़, उडुपी, दक्षिण कन्नड़, कोडागु, शिवमोग्गा और चिकमंगलूर जिलों में विशेष रूप से रेड अलर्ट है।
केरल में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे घटनाएं भी सामने आई हैं, जैसे एक व्यक्ति की जान जाना और पेड़ गिरने से ट्रेन की आवाजाही प्रभावित होना।
ऑरेंज अलर्ट और अन्य प्रभावित राज्य:
उत्तर प्रदेश और गुजरात सहित 6 राज्यों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, तेलंगाना और तमिलनाडु के कुछ जिलों में भी ऑरेंज अलर्ट है। इन राज्यों में तेज हवाओं (50 किमी प्रति घंटा तक) और बिजली चमकने के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।
बिहार के सभी 38 जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट है, जिसमें 18 जिलों (दरभंगा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर आदि) के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां तेज हवाओं और बिजली गिरने का अधिक खतरा है।
ओडिशा और झारखंड में भी 26 मई तक भारी बारिश की संभावना है।
झारखंड में 30 मई तक आकाशीय बिजली और 40-50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाओं के लिए येलो अलर्ट है।
उत्तर और मध्य भारत का मौसम:
दिल्ली-एनसीआर में मौसम आंशिक रूप से धूप वाला रह सकता है, लेकिन IMD ने धूल भरी आंधी, हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारों की संभावना जताई है जो 26 मई तक जारी रह सकती है। सोमवार (26 मई) को दिल्ली-एनसीआर में बादल छाए रहने, 30-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और हल्की बारिश/बूंदाबांदी का अनुमान है।
दिल्ली के लिए येलो अलर्ट भी जारी हुआ है। उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश और गरज-चमक के आसार हैं, कुछ जिलों में आंधी-तूफान की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश में भी हल्की बारिश और गरज-चमक संभव है, शिमला जिले में तेज हवाओं और बिजली के साथ मध्यम बारिश की संभावना है, और रामपुर क्षेत्र में बादल फटने की घटना भी हुई है।
उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में भी बारिश का अनुमान है।
पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत:
असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 31 मई तक मूसलाधार बारिश और 28 से 31 मई के बीच अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है।
पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों और पूर्वी बिहार में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। पूर्वोत्तर भारत में अगले 7 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है, साथ ही आंधी, बिजली और ओलावृष्टि का खतरा है।
अरब सागर में निम्न दबाव का क्षेत्र:
मौसम विभाग ने बताया है कि अरब सागर में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके 24 मई तक गहराने की संभावना है। यह सिस्टम समुद्र में हलचल बढ़ा सकता है और तटीय इलाकों में मौसम खराब कर सकता है।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह गहरे डिप्रेशन और फिर चक्रवात में भी बदल सकता है, जो गुजरात से केरल तक के पश्चिमी तटीय इलाकों को प्रभावित करेगा।
मछुआरों और आम जनता के लिए सलाह:
IMD ने मछुआरों को 22 से 26 मई के बीच पूर्व मध्य और उत्तर-पूर्व अरब सागर, केरल, कर्नाटक, कोंकण, गोवा, दक्षिण गुजरात तट और लक्षद्वीप क्षेत्र में समुद्र में न जाने की सलाह दी है। आम जनता को बारिश और तेज हवाओं से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
अचानक बाढ़, जलभराव, और पेड़ों के गिरने से बचने के लिए सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को बारिश में बाहर निकलने से बचने और सुरक्षित स्थान पर रहने की सलाह दी गई है।
वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भूस्खलन के खतरों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए।
निष्कर्ष:
मानसून के जल्दी आगमन ने गर्मी से राहत की उम्मीद जगाई है, लेकिन इसके साथ ही भारी बारिश और आंधी-तूफान का खतरा भी बढ़ा है।
मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए हैं। लोगों को IMD द्वारा जारी की गई चेतावनियों पर ध्यान देना चाहिए और अपनी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
सतर्क और जागरूक रहकर ही किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सामान्य से अधिक (105% औसत) बारिश का IMD का अनुमान खरीफ फसलों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक माना जा रहा है।

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