सोने का भाव 2030 तक ₹7.5 लाख? रिपोर्ट का चौंकाने वाला खुलासा | Gold Rate Today News

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By Kalpesh Sharma

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Gold Rate Today : सोने की कीमतों में आ सकता है बड़ा उछाल! 2030 तक 7.5 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम? जानें रिपोर्ट का चौंकाने वाला खुलासा और आपके लिए निवेश के अवसर

क्या सोने में निवेश करने का यह सही समय है?

अगर आप सोने की मौजूदा कीमतों को बहुत ज्यादा मान रहे हैं, तो जरा ठहरिए। हालिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले वर्षों में सोने के दाम आसमान छू सकते हैं, जिससे आम लोगों के लिए इसे खरीदना और भी मुश्किल हो जाएगा।

खास तौर पर शादी-ब्याह और धार्मिक अनुष्ठानों का बजट इससे बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। सोने की कीमतों में 2024-25 में अच्छी तेजी देखी गई है, लेकिन जानकार इसे “ट्रेलर” बता रहे हैं।

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लिकटेंस्टीन की एक जानी-मानी इन्वेस्टमेंट फर्म ‘Incrementum’ ने अपनी सालाना गोल्ड वी ट्रस्ट रिपोर्ट में एक बड़ा दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 से 2030 के बीच सोने की कीमतें रॉकेट की रफ्तार से बढ़ेंगी।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक सोना 8,900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है

भारतीय मुद्रा में देखें तो यह करीब 7.5 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम हो सकता है। यह आंकड़ा मौजूदा कीमत से लगभग सात गुना ज्यादा है। मौजूदा समय में दिल्ली में 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 98,000 रुपये के आसपास है।

यानी, अगर यह भविष्यवाणी सच होती है तो सोने का भाव अप्रत्याशित रूप से बढ़ सकता है।

केवल Incrementum ही नहीं, बल्कि जेपी मॉर्गन जैसी बैंकिंग दिग्गज संस्थाएं भी सोने की बढ़ती कीमतों को लेकर गंभीर हैं। जेपी मॉर्गन का अनुमान है कि 2029 तक सोने का भाव 6,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।

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यह भी वर्तमान मूल्य की तुलना में लगभग 80% की वृद्धि दर्शाता है। इन बड़े संस्थानों की राय यह संकेत देती है कि सोना आने वाले समय में सबसे मजबूत संपत्तियों में से एक बन सकता है।

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सोने के दाम बढ़ने के पीछे कई बड़े और जटिल कारण काम कर रहे हैं। स्रोतों के अनुसार, इसके दो मुख्य कारण हैं:

  1. महंगाई: जब अर्थव्यवस्था में महंगाई बढ़ती है, तो लोग अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए ऐसे विकल्पों की तलाश करते हैं जो महंगाई के असर को कम कर सकें। सोना ऐतिहासिक रूप से ऐसा ही एक सुरक्षित निवेश रहा है।
  2. आर्थिक अस्थिरता: वैश्विक स्तर पर जब आर्थिक संकट होता है या बाजारों में अनिश्चितता का माहौल बनता है, तो निवेशक सुरक्षित माने जाने वाले एसेट, जैसे सोने की ओर रुख करते हैं।

इन दो मुख्य कारणों के अलावा, सोने की कीमतें सिर्फ मांग और आपूर्ति पर निर्भर नहीं करतीं। इसमें सरकारों की मौद्रिक नीतियां, केंद्रीय बैंकों द्वारा निर्धारित ब्याज दरें, वैश्विक तनाव (जियोपॉलिटिक्स) और अलग-अलग मुद्राओं की मजबूती या कमजोरी जैसे फैक्टर भी अहम भूमिका निभाते हैं।

स्रोतों की मानें तो अगर इन कारकों का संतुलन बिगड़ता है, तो सोने की कीमतों में बड़ा उछाल आना तय है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय हालात और डॉलर की कमजोरी भी सोने के ग्राफ को ऊपर ले जाने में सहायक हो सकते हैं।

रिपोर्ट कह रही हैं कि यह स्थिति अगले कुछ सालों तक बनी रह सकती है।

गोल्ड वी ट्रस्ट रिपोर्ट यह भी उजागर करती है कि दुनियाभर के बड़े निवेशक, जिनमें फैमिली ऑफिस और बड़े इन्वेस्टमेंट फंड्स शामिल हैं, अब सोने में अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ा रहे हैं।

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पहले ये निवेशक अपने कुल पोर्टफोलियो का बहुत छोटा हिस्सा (लगभग 1%) सोने में रखते थे, लेकिन अब उन्हें सोने की ताकत और संभावित रिटर्न समझ आ रहा है।

बड़े निवेशकों का सोने में भरोसा बढ़ना भी कीमतों को सपोर्ट दे सकता है।

कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह समय सोने में निवेश करने के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन वे जल्दबाजी में फैसला लेने से बचने की सलाह देते हैं।

सोने की कीमतें जितनी तेजी से ऊपर जा सकती हैं, उतनी ही तेजी से गिर भी सकती हैं। इसलिए, निवेश हमेशा लॉन्ग टर्म नजरिए से करना समझदारी है।

स्रोतों के आधार पर, आम लोग सोने में निवेश करने के लिए कई सुरक्षित और आसान विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं:

  • थोड़ा-थोड़ा निवेश: एक साथ बड़ी रकम लगाने के बजाय, हर महीने थोड़ा-थोड़ा सोना खरीदना एक अच्छा तरीका हो सकता है।
  • गोल्ड बॉन्ड्स: सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) एक लोकप्रिय और सुरक्षित विकल्प हैं। इनमें ब्याज भी मिलता है और फिजिकल सोना रखने का झंझट भी नहीं होता।
  • गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds): ये स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं और सोने की कीमतों को ट्रैक करते हैं। यह डिजिटल तरीके से सोने में निवेश का एक तरीका है।
  • डिजिटल गोल्ड: कई प्लेटफॉर्म पर डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा उपलब्ध है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि Incrementum या JP Morgan द्वारा दिए गए अनुमान भविष्यवाणियां हैं। भविष्य में कीमतें किस हद तक बढ़ेंगी यह कई अनिश्चित कारकों पर निर्भर करता है।

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स्रोत ने इन अनुमानों को ‘Incrementum’ की ‘गोल्ड वी ट्रस्ट रिपोर्ट’ और जेपी मॉर्गन जैसी ‘बड़ी संस्थाओं’ की राय के आधार पर प्रस्तुत किया है। ये आंकड़े उन संस्थानों के शोध पर आधारित हैं।

हालांकि, स्रोतों में यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हर निवेश में जोखिम होता है। सोने की कीमतें वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और नीतियों से प्रभावित होती हैं, जिनमें अप्रत्याशित बदलाव आ सकते हैं।

इसलिए, किसी भी निवेश का फैसला लेने से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें। वे आपकी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति और लक्ष्यों के आधार पर सही सलाह दे सकते हैं। बाजार के रुझानों पर नज़र बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष: सोने की दुनिया में आने वाले सालों में हलचल बढ़ने की संभावना है। महंगाई, वैश्विक तनाव और बाजार की अस्थिरता इसे एक मजबूत संपत्ति के रूप में स्थापित कर सकती है।

हालांकि, इसमें निवेश करते समय संतुलन और समझदारी दिखाना बेहद जरूरी है।

यह आप पर निर्भर करता है कि आप इन रिपोर्ट्स से मिले संकेतों को कैसे देखते हैं और भविष्य के लिए अपनी वित्तीय योजना बनाते हैं।

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