शीर्षक: एयरपोर्ट पर 2025 से नए सख्त नियम: यात्रा से पहले जान लें, वरना होगी जेल और भारी जुर्माना!
परिचय: देश की हवाई सुरक्षा को और भी मज़बूत बनाने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 2025 में कई नए और कड़े नियम लागू किए हैं।
इन नियमों का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना और यात्रा के दौरान होने वाली किसी भी संभावित चूक को रोकना है।
ये नियम विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए जानना बेहद ज़रूरी हैं जो सैन्य हवाई अड्डों से उड़ान भरते हैं या उतरते हैं, साथ ही सभी हवाई यात्रियों के लिए कुछ सामान्य सावधानियां भी बताई गई हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

संवेदनशील सैन्य हवाई अड्डों पर नया कड़ा नियम:
DGCA का एक प्रमुख नया नियम विशेष रूप से भारत की पश्चिमी सीमा पर स्थित संवेदनशील सैन्य हवाई अड्डों पर लागू होता है।
अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर और जैसलमेर जैसे एयरबेस राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन स्थानों पर किसी भी प्रकार की संवेदनशील जानकारी लीक होने से गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
विंडो शेड्स क्यों रखने होंगे नीचे?
नए निर्देश के अनुसार, जब विमान इन संवेदनशील सैन्य हवाई अड्डों से टेकऑफ या लैंडिंग कर रहा होगा, तब यात्रियों को अपनी सीट की खिड़की के पर्दे (विंडो शेड्स) पूरी तरह से नीचे रखने होंगे।
यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि कोई भी यात्री बाहर की तस्वीरें या वीडियो रिकॉर्ड न कर सके। पिछले कुछ वर्षों में, कई यात्रियों ने सैन्य एयरबेस की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं, जिनमें अक्सर एयरबेस की संरचना, सैन्य विमानों की स्थिति या अन्य संवेदनशील गतिविधियां दिखाई देती हैं।
ऐसी जानकारी देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
सैन्य इलाकों में फोटो-वीडियो पर पूर्ण प्रतिबंध और कार्रवाई:
संवेदनशील सैन्य इलाकों में फोटो खींचना या वीडियो बनाना अब पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यदि कोई यात्री इस नियम का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, तो उस पर DGCA के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में विमानन नियमों के तहत भारी जुर्माना लगाना, अवसर विशेष पर उड़ान पर प्रतिबंध लगाना, और यहां तक कि कानूनी एवं दंडात्मक कार्रवाई भी शामिल हो सकती है। यात्रियों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस नियम का सख्ती से पालन करें।
एयरलाइंस और क्रू की ज़िम्मेदारी:
DGCA ने एयरलाइंस और फ्लाइट क्रू मेंबर्स को भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं। टेकऑफ और लैंडिंग से पहले क्रू को यात्रियों को इस नियम के बारे में विस्तार से बताना होगा।
उन्हें यात्रियों को यह समझाना होगा कि विंडो शेड्स नीचे रखना क्यों ज़रूरी है और किसी भी प्रकार की फोटो या वीडियो बनाना प्रतिबंधित है।
नियमों का पालन सुनिश्चित कराना एयरलाइंस की ज़िम्मेदारी है।
DGCA की यात्रियों से अपील: राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी:
DGCA ने सभी हवाई यात्रियों से अपील की है कि वे इन नियमों को गंभीरता से लें। यह केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है।
यदि सभी यात्री इन निर्देशों का पालन करने में सहयोग करते हैं, तो देश की रक्षा व्यवस्था और भी मज़बूत होगी। यह हम सभी की सामूहिक ज़िम्मेदारी है और इसे किसी भी कीमत पर नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
संवेदनशील हवाई अड्डों से यात्रा करते समय विंडो शेड्स नीचे रखना और फोटो-वीडियो न बनाना याद रखें। यह छोटी सी सावधानी आपको कानूनी परेशानी से बचा सकती है और देश की सुरक्षा में योगदान दे सकती है।
हवाई यात्रा के दौरान भूलकर भी न बोलें ये शब्द:
सुरक्षा कारणों से एयरपोर्ट या फ्लाइट में कुछ ऐसे शब्द हैं जिनका इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ये शब्द सुनते ही सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हाई अलर्ट पर आ जाती हैं, जिससे आपकी यात्रा में देरी हो सकती है और आपको कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
इन शब्दों में शामिल हैं: बम, बंदूक, चाकू, आतंकवादी, हाइजैक, विस्फोटक, क्रैश, जैविक हथियार, स्मगलिंग, ड्रग्स। भले ही आप मज़ाक में इन शब्दों का प्रयोग करें, परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर, यदि कोई मज़ाक में भी कह दे कि ‘मेरे बैग में बम है’, तो उसे तुरंत हिरासत में लिया जा सकता है।
सावधानी और सहयोग आवश्यक:
लगातार ऐसे मामले सामने आते रहे हैं जहां अनजाने में या मज़ाक में बोले गए शब्दों के कारण लोगों को परेशानी हुई है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए, यात्रा के दौरान अपनी बातचीत में अत्यंत सावधानी बरतें।
सोशल मीडिया पर भी एयरपोर्ट सुरक्षा से संबंधित ऐसी कोई पोस्ट या कमेंट करने से बचें जिससे संदेह पैदा हो। अपने सामान की अच्छे से जांच करें और कोई भी संदिग्ध वस्तु साथ न ले जाएं।
यदि कोई शंका हो, तो एयरपोर्ट पर मौजूद हेल्प डेस्क से संपर्क करें। इसके अलावा, बच्चों को भी इन संवेदनशील शब्दों के बारे में समझाएं, क्योंकि बच्चे अक्सर अनजाने में ऐसी बातें बोल देते हैं।
निष्कर्ष:
DGCA द्वारा लागू किए गए ये नए नियम देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। यात्रियों का सहयोग इन नियमों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
यात्रा करते समय नियमों का पालन करें, संवेदनशील सैन्य इलाकों में फोटो-वीडियो से बचें, और एयरपोर्ट या विमान में प्रतिबंधित शब्दों का प्रयोग कतई न करें।
आपकी जागरूकता और सावधानी आपकी यात्रा को सुरक्षित बनाएगी और राष्ट्र निर्माण में आपका महत्वपूर्ण योगदान होगा।
अस्वीकरण:
यह जानकारी DGCA के नए नियमों पर आधारित है जिसका उद्देश्य देश की सुरक्षा को मज़बूत करना है।
यात्रियों से अनुरोध है कि वे नियमों का पालन करें और संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें। नियमों में किसी भी बदलाव के लिए आधिकारिक स्रोतों से अपडेट लेते रहें।

मैं कल्पेश शर्मा हूँ, एक अनुभवी कंटेंट राइटर जिसे लिखने का 8+ साल का अनुभव है मेरे लिखे गए कंटेंट में हमेशा स्पष्टता, SEO ऑप्टिमाइजेशन और यूजर एंगेजमेंट पर ध्यान दिया जाता है। हर प्रोजेक्ट के लिए मैं एक रिसर्च-ड्रिवन अप्रोच अपनाता हूँ ताकि उच्च गुणवत्ता और विश्वसनीय कंटेंट प्रदान कर सकूं। मेरा लक्ष्य हमेशा ऐसा कंटेंट तैयार करना होता है जो पाठकों के लिए प्रासंगिक हो और क्लाइंट्स के व्यापारिक लक्ष्यों को सपोर्ट करें।